शराब के लिए देसी जुगाड़: शराबबंदी में भी बहती हैं नदियां और पीने वाले बना ही लेते हैं रास्ता

अंबाला/पटना/जूनागढ़. बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के लिए कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया है, उसमें शराबबंदी की समीक्षा की बात कही है। तब से राजनीति गर्मा गई है। तेजस्वी यादव और चिराग पासवान शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार सरकार को फेल बता रहे हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि रोजगार के अभाव में युवा शराब की तस्करी में उतर गए हैं। वहीं, नीतीश कुमार कहते हैं कि शराब के धंधेबाज उन्हें मिटाना चाहते हैं। बता दें कि बिहार में पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। गुजरात में भी शराबबंदी लागू है। लेकिन दोनों राज्यों में अवैध शराब बिक्री के लगातार मामले सामने आते रहते हैं। आइए देखते हैं शराब से जुड़े दो मामले। पहली तस्वीर हरियाणा की है, जबकि दूसरी शराबबंदी वाले राज्य गुजरात की।

Asianet News Hindi | Published : Oct 26, 2020 11:54 AM IST
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शराब के लिए देसी जुगाड़: शराबबंदी में भी बहती हैं नदियां और पीने वाले बना ही लेते हैं रास्ता

पहली तस्वीर को देखकर आपको यही लगेगा कि लोगों ने बड़ी मेहनत से नाले को पार करने लकड़ियों का यह रास्ता बनाया होगा। लेकिन हकीकत कुछ और है। यह मामला हरियाणा के अंबाला जिले के नग्गल एरिया में डेूल माजरा के नजदीक सामने आया था। यह शराब का एक अवैध ठेका था। खेत में बनाए गए इस ठेके तक शराबी आसानी से पहुंच सकें, इसलिए नाले पर लकड़ी का पुल बना दिया गया था। लेकिन कुछ दिन पहले सीएम फ्लाइंग की नजर उस पर पड़ गई और ठेका ध्वस्त हो गया। यह ठेका पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर था। दूसरी तस्वीर गुजरात के जूनागढ़ की है, जहां अवैध शराब नष्ट करने के दौरान लूटमार मच गई। आगे पढ़ें इसी घटना के बारे में...

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जूनागढ़, गुजरात. महिलाओं के विरोध को देखते हुए सरकारें शराब की बिक्री को लेकर समय-समय पर अपने फैसले बदलती रहती हैं। गुजरात में शराब बैन (liquor ban) है। इसमें भी महिलाओं की अहम भूमिका रही है, लेकिन कोरोना ने स्थिति बदलकर रख दी है। यह तस्वीर केशोद शहर के समीपवर्ती एक गांव में पिछले महीने सामने आई थी। ये महिलाएं शराब लूटने में लगी हैं। जब महिलाओं को खबर लगी कि प्रशासन लाखों लीटर अवैध शराब पर बुल्डोजर चलवा रही है, तो वे बोतले लूटने पहुंच गईं। उनका तर्क था कि शराब पीने से इम्यूनिटी (immunity) बढ़ती है। सर्दी-खांसी नहीं होती। यानी कोरोना से बचने इससे अच्छा दूसरा कोई उपाय नजर नहीं आता। आगे पढ़ें इसी खबर के बारे में...

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केशोद पुलिस ने पकड़ी गई 19,245 बोतल शराब पर बुल्डोजर चलवाया था। लेकिन इससे पहले ही महिलाएं और बच्चे सहित लोग शराब लूटकर ले गए। महिलाएं और बच्चे पॉलिथीन के अलावा बर्तनों में शराब भरकर ले गए। यह देखकर अफसर हैरान हुए। आगे पढ़ें इसी खबर के बारे में...

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महिलाओं ने कहा कि शराब पीने से सर्दी-जुकाम नहीं होता। इसलिए कोरोना से बचने वे यह शराब भरकर ले जा रही हैं। यानी प्रशासन बोतलों पर बुल्डोजर चलवा रहा था और महिलाएं उन्हें बचाकर ले जाने की फिराक में थीं। आगे पढ़ें इसी खबर के बारे में...

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बता दें कि गुजरात में शराब बंदी में महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है। देश के बाकी राज्यों में भी शराब के विरोध में सबसे ज्यादा महिलाएं ही मुखर रहती हैं। आगे पढ़ें इसी खबर के बारे में...
 

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कोरोना संक्रमण से बचने एल्कोहल को सबसे अधिक प्रभावी माना गया है। यही वजह है कि जो लोग शराब से परहेज करते थे, वे भी कभी-कभार इसका सेवन करने लगे। (जूनागढ़ में अवैध शराब पर बुल्डोजर चलवाता प्रशासन)

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