कौन हैं ये संत जिन्होंने किसानों का दर्द देख खुद को मार ली गोली, लिखा-सरकार के जुल्मों से दुखी हूं


करनाल (हरियाणा). केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। वह अपनी हक के लिए  21 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर डटे हुए हैं। इसी बीच आज दुखद खबर सामने आई है, जहां किसानों के धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार ली। मरने से पहले उन्होंने एक भावुक सुसाइड नोट भी लिखा हुआ है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 16, 2020 3:34 PM IST
16
कौन हैं ये संत जिन्होंने किसानों का दर्द देख खुद को मार ली गोली, लिखा-सरकार के जुल्मों से दुखी हूं


कोंडली बॉर्डर पर किसानों के साथ दे रहे थे धरना
बता दें कि संत राम सिंह ने बुधवार को किसानों के साथ कोंडली बॉर्डर पर पहुंचे थे। वह किसानों की हक की लड़ाई में धरने दे रहे थे। लेकिन वह उनके साथ हो रहे अन्याय से दुखी थे, इसलिए उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आनन-फानन में लोग उनको पानीपत के पॉर्क अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। अब अनके समर्थक संत राम सिंह की डेड बॉडी करनाल लेकर जा रहे हैं।

26


किसानों के साथ कार से कोंडली बॉर्डर पहुंचे थे
 खुदकुशी की। उन्हें लोग पानीपत के पॉर्क अस्पताल लेकर पहुंचे थे। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी बॉडी करनाल ले जाई गई है। राम सिंह बुधवार को साथी किसानों के साथ कार से कोंडली बॉर्डर पहुंचे थे।


 

36


लाखों में है उनके भक्तों की तादात
दरअसल. पेशे से किसान संत बाबा राम सिंह ने बुधवार दोपहर में  कोंडली बॉर्डर पर खुदखुशी कर ली। वह सिंघरा के ही गुरुद्वारा साहिब नानकसर के ग्रंथी थे। उनके अनुयाइयों की तादाद लाखों में बताई जा रही है। वह मूल रुप से करनाल के सिंघरा गांव के रहने वाले थे।

46

जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है (पंजाबी में लिखा)
खुद को गोली मारने से पहले संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा-मैं किसानों पर हो रहे अन्याय से दुखी हूं। केंद्र सरकार उन पर जुल्म कर रही है। वह कई दिनों से अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही है। आज देश का अन्नदाता दुखी है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। किसानों के दुख से मैं दुखी हूं, जुल्म करना पाप है,जुल्म सहना भी पाप है। किसानों को उनका हक मिलना चाहिए। यह उनके हक की आवाज है। वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह लिखते गोली मार ली।

56


दुनियाभर में देने जाते थे प्रवचन
असल में संत बाबा राम सिंह सिखों की नानकसर संप्रदाय से जुड़े हुए थे। नानकसर संप्रदाय में संत बाबा राम सिंह का बहुत ऊंचा स्थान माना जाता है। हरियाणा पंजाब और विश्व भर में संत बाबा राम सिंह को सिंगड़ा वाले संत के नाम से ही जाना जाता था। वे सिंगड़ा वाले डेरे के अलावा विश्वभर प्रवचन करने के लिए जाते थे।

66


बाबा के जाने से दुखी हैं उनके भक्त
संत को माने वाले इस घटना के बाद से बहुत दुखी हैं। वो सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि दिल बहुत दुखी है आप को ये बताते हुए कि संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा को देखते हुए आत्महत्या कर ली। इस आंदोलन ने पूरे देश की आत्मा झकझोर कर रख दी है। मेरी वाहेगुरु से अरदास है कि उनकी आत्मा को शांति मिले।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos