हेल्थ डेस्क: हर साल 1 मार्च को विश्व एड्स शून्य भेदभाव दिवस (AIDS Zero Discrimination Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य एड्स की रोकथाम और उपचार के लिए समाज को जागरुक करना है। साथ ही एड्स (acquired immune deficiency syndrome) को लेकर जो सामाजिक भेदभाव है, उसे दूर करना है। लेकिन आज भी हमारे समाज में एड्स को लेकर तरह-तरह अफवाह फैलाई जाती है। कोई कहता है कि एड्स लार से भी फैल जाता है, तो कोई कहता है कि कुवांरी लड़कियों के साथ संबंध बनाने से एड्स ठीक हो जाता है। ऐसे में आज शून्य भेदभाव दिवस पर हम आपको बताते हैं, एड्स को लेकर फैलाई जाने वाली ऐसी भ्रांतियां (Common misconceptions of AIDS) जिसका वास्तव में कोई अस्तिव नहीं है।