क्या घंटों हेडफोन लगाकार बच्चे करते हैं ऑनलाइन क्लास अटेंड, भूलकर भी ना करें ये 7 गलतियां

Published : Oct 07, 2021, 12:27 PM IST

हेल्थ डेस्क : कोरोनाकाल के बाद भले ही कई सारी चीजें ऑफलाइन हो गई है, लेकिन छोटे बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज (Online classes) अभी भई जारी हैं। जिसके चलते बच्चों को घंटों मोबाइल या लैपटॉप के सामने बैठकर अपने कानों में ईयरफोन या हेडफोन (headphones and earphones) लगाकर क्लास अटेंड करनी पड़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं बच्चों के लिए नाजुक कान फोन या हेडफोन से निकलने वाली तरंगों के कारण डैमेज हो सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको ऐसी 7 सावधानियां बताते हैं जो बच्चों को ऑनलाइन क्लास अटेंड करवाते टाइम आपको ध्यान रखनी चाहिए...

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क्या घंटों हेडफोन लगाकार बच्चे करते हैं ऑनलाइन क्लास अटेंड, भूलकर भी ना करें ये 7 गलतियां

सबसे पहले कोशिश करें कि ईयरफोन का इस्तेमाल कम-से-कम हो, अगर बच्चों को ऑनलाइन क्लास के दौरान ईयरफोन या हेडफोन लगाना भी पड़े, तो उन्हें अच्छी और हाई क्वालिटी वाले ईयरफोन ही दें।

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अगर बच्चों की बैक-टू-बैक क्लासेस होती है और उन्हें घंटों तक कानों में ईयरफोन और हेडफोन लगाकर बैठना पड़ता है, तो हर घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लें।

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ये बात याद रखें कि बच्चों का हेडफोन कोई और यूज ना करें। न तो अपना ईयरफोन या हेडफोन किसी को दें और न अन्य लोगों का ईयरफोन या हेडफोन उपयोग करें।

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ईयरफोन और हेडफोन का उपयोग करते समय अपने फोन या लैपटॉप का वॉल्यूम 40 प्रतिशत तक ही रखें। इससे ज्यादा आवाज कानों को नुकसान पहुंचा सकती है।

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बच्चों को ईयरफोन के बजाय हेडफोन का इस्तेमाल करवाएं, क्योंकि ईयरफोन के कारण कान के अंदर मौजूद नाजुक कोशिकाओं के डैमेज होने की आशंका होती है, जबकि हैडफोन में इसके चांस थोड़े कम होते है, क्योंकि यह सिर के ऊपर और कान के बाहरी हिस्से पर लगे होते हैं।

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बता दें कि ईयरफोन और हेडफोन से हाई डेसिबल ध्वनि तरंगों निकलती हैं, जो कानों को नुकसान पहुंचाती है। खासकर बच्चों के लिए, जिनके कान बहुत नाजुक होते हैं।

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डॉक्टर्स का मानना है कि ईयरफोन का लगातार इस्तेमाल करने से सुनने की क्षमता 40-50 डेसीबल तक कम हो जाती है, इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को लाउड स्पीकर पर क्लास अटेंड करवाएं।

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