National Vaccination Day: बच्चे हो या बुजुर्ग हर इंसान को अपनी जिंदगी में जरूर लगावाने चाहिए ये 6 टीके

Published : Mar 15, 2022, 07:37 PM IST

हेल्थ डेस्क : टीकाकरण के महत्व के बारे में बताने के लिए हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (National Vaccination Day)  मनाया जाता है। यह दिन पहली बार साल 1995 में मनाया गया था, जब भारत ने पल्स पोलियो कार्यक्रम शुरू किया था। वैक्सीन लगवाने से न केवल आप स्वयं बीमार होने से बच सकते हैं, बल्कि यह आपके आस-पास के लोगों के बीमार होने की संभावना को भी कम कर सकता है। हालांकि, अधिकांश लोगों को लगता है कि टीकाकरण की बच्चों को आवश्यकता होती है, लेकिन छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को टीके की जरूरत होती है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं, ऐसी 6 वैक्सीन के बारे में, जिसे हर इंसान को लगवाना जरूरी होता है...  

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National Vaccination Day: बच्चे हो या बुजुर्ग हर इंसान को अपनी जिंदगी में जरूर लगावाने चाहिए ये 6 टीके

टीकाकरण क्या है
टीकाकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम किसी इंसान के शरीर में द्रव्य डाला जाता है, जिसके प्रयोग से शरीर में किसी रोग विशेष से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। टीके वायरस या बैक्टीरिया जैसे कीटाणुओं के मारे या कमजोर रूप में होते हैं, जो बीमारी का कारण नहीं बन सकते हैं, लेकिन एंटीबॉडी बनाते हैं, जो शरीर की रक्षा करेंगे जब रोग का एक सक्रिय और मजबूत रूप शरीर पर हमला करता है ।

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वयस्कों के लिए टीके
सभी वयस्कों, विशेष रूप से माता-पिता और दादा-दादी को टीकाकरण की आवश्यकता होती है। सीडीसी वयस्कों के लिए 6 विशिष्ट टीकों की सलाह देता है, जिनमें फ्लू और निमोनिया के टीके शामिल हैं।

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टीडीएपी या टीडी
टेटनस, डिप्थीरिया, और काली खांसी (काली खांसी) अत्यधिक संक्रामक और जीवन के लिए खतरा हैं, खासकर छह सप्ताह से कम उम्र के शिशुओं के लिए। हो सकता है कि आपको बचपन में टीडीएपी वैक्सीन मिली हो। हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार ये अपना असर कम करने लगता है। ऐसे में यदि आपको यह टीका लगाए हुए 10 साल से अधिक हो गए हैं, तो जितनी जल्दी हो सके ये टीका लगवा लें। 

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MMR  
यह वैक्सीन मीजल्स, मम्स और रूबेला से बचाता है। ये तीनों ही अत्यधिक संक्रामक हैं और गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं। अगर आपको बचपन में ये टीका नहीं लगा है, तो आप कभी भी डॉक्टर की सलाह पर ये टीका लगवा सकते हैं। 
 

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चिकन पॉक्स
चिकन पॉक्स की 2 डोज लगती है। वैक्सीन की पहली खुराक 12-18 महीने के बीच होती है जबकि, दूसरी खुराक 4-6 साल की उम्र के दौरान दी जाती है। 13 साल या उससे अधिक आयु के जिन किशोरों को पहले कभी चिकन पॉक्स नहीं हुआ हो और ना ही उन्होंने कभी इसकी वैक्सीन को ली हो, तो ऐसे में उनको कम से कम 28 दिनों के अंदर दो खुराक लेनी चाहिए।

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हेपेटाइटिस ए और बी
हेपेटाइटिस बी एक गंभीर रोग है जो यकृत यानी लीवर को प्रभावित करता है। हेपेटाइटिस ए और बी से हर साल हजारों व्यक्ति प्रभावित होते हैं। हेपेटाइटिस ए और बी टीकाकरण का समय निर्धारित करके 25 सालों तक अपनी सुरक्षा करें। इसका टीका आमतौर पर 1 से 6 महीनों की अवधि में 2, 3, या 4 शॉटों (इंजेक्शनों) के रूप में लगाया जाता है। जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है वह 19 साल की उम्र तक इसका टीका लगावा सकते हैं।

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फ्लू
घातक इन्फ्लूएंजा के प्रसार को रोकने का सबसे आसान तरीका फ्लू के टीके के माध्यम से है। आप केवल टीके लगवाकर फ्लू के जोखिम को लगभग आधा कर सकते हैं। आपको हर साल एक फ्लू शॉट की आवश्यकता होती है, क्योंकि वायरस के प्रकार बदलते हैं और एक फ्लू के मौसम से दूसरे में विकसित होते हैं।

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स्वाइन फ्लू वैक्सीन  
यह वैक्सीन स्वाइन फ्लू के अलावा सामान्य फ्लू से भी रक्षा करता है, लेकिन यह सिर्फ एक साल के लिए ही सुरक्षा प्रदान करता है। इसका टीका हर साल लगवाना पड़ता है। इसे इंजेक्शन के अलावा स्प्रे रूप में भी ले सकते हैं। 

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