Pregnancy Tips: प्रेग्नेंसी में इतनी बार करवाना चाहिए अल्ट्रासाउंड, जानें कब और कैसे करवाएं सोनोग्राफी

हेल्थ डेस्क : मां बनना किसी भी महिला के लिए दुनिया की सबसे बड़ी खुशी है। इस दौरान महिलाएं कई सारी मिक्स्ड फीलिंग से गुजरती है। कई महिलाओं को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो कई के लिए यह फेज बहुत खूबसूरत होता है। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान कई सारे टेस्ट करवाना भी बहुत जरूरी होता है और समय-समय पर डॉक्टर को दिखाना भी जरूरी होता है। इस दौरान बच्चे की हलचल और उसकी इंप्रूवमेंट को जानने के लिए अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) भी किया जाता है। जिसे हम सामान्य भाषा में सोनोग्राफी कहते हैं। लेकिन कई लोगों के मन में सवाल होता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कितनी बार अल्ट्रासाउंड कराया जाए? कौन सा अल्ट्रासाउंड कराया जाए और किस समय करवाया जाए? ऐसे में आज आपके इन सभी सवालों का जवाब देते हैं और आपको बताते हैं अल्ट्रासाउंड जुड़ी सारी जानकारी...

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2021 9:37 AM IST

16
Pregnancy Tips: प्रेग्नेंसी में इतनी बार करवाना चाहिए अल्ट्रासाउंड,  जानें कब और कैसे करवाएं सोनोग्राफी

प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड करना महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। इससे डॉक्टर को मदद मिलती है कि मां की कोख में पल रहा बच्चा कैसा है? उसकी ग्रोथ सही से हो रही है या नहीं, आदि। 
 

26

आजकल कई तरह की सोनोग्राफी पैथोलॉजी लैब्स में होने लगी है। प्रेग्नेंसी के दौरान इन सारे अल्ट्रासाउंड के जरिए हम बच्चे की ग्रोथ और उनके दिमाग के बारे में पता कर सकते हैं। इसमें नोमली स्कैन, डबल मार्कर, डॉप्लर जैसे अल्ट्रासाउंड प्रमुख होते हैं।

36

डॉक्टर्स की मानें तो प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड से नुकसान की संभावना बहुत कम होती है। लेकिन इसे बहुत ज्यादा बार या हर महीने करवाने से हमें बचना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान हर तिमाही में अल्ट्रासाउंड होना जरूरी होता है।

46

प्रेग्नेंसी के दौरान पहला अल्ट्रासाउंड वायबेलिटी स्कैन के रूप में जाना जाता है, जो प्रेग्नेंसी के 6 से 9 सप्ताह के अंदर करवाने की सलाह दी जाती है। दूसरा अल्ट्रासाउंड जिससे न्युकल ट्रांसलुसेंसी यानी NT कहा जाता है, यह 11 से लेकर 13 हफ्ते के बीच में कराई जाती है। इसके बाद डबल मार्कर इसीलिए जरूरी क्योंकि इससे बच्चे की मेंटल ग्रोथ के बारे में हमें पता चलता है। यह प्रेग्नेंसी के पांचवें या छठे महीने में कराया जा सकता है। डॉक्टर्स की मानें तो प्रेग्नेंसी के दौरान तीन से चार अल्ट्रासाउंड कराए जा सकते हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी के कॉन्प्लिकेशन को देखते हुए आखरी के महीनों में ज्यादा बार भी अल्ट्रासाउंड किया जा सकता है।

56

प्रेग्नेंसी के दौरान सोनोग्राफी करवाने से बच्चे की हर गतिविधि की सटीक जानकारी मिलती है। गर्भ में पल रहा बच्चा किस तरीके से ग्रोथ कर रहा है, उसके दिल की धड़कन कैसी है, उसके हाथ-पैर और शरीर का अन्य हिस्सा सही तरीके से बढ़ रहा है या नहीं, यहां तक कि बच्चे की डेट ऑफ डिलीवरी और उसके वेट का पता भी अल्ट्रासाउंड के जरिए चल जाता है।

66

गर्भ में पल रहे बच्चे पर अल्ट्रासाउंड के इफेक्ट को लेकर कई तरह की रिसर्च हो चुकी है, जिसमें इस तरह का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि बच्चे के विकास पर इसका कोई नेगेटिव असर पड़ता है। इतना ही नहीं अल्ट्रासाउंड की वजह से किसी तरह की गंभीर बीमारी होने का खतरा भी नहीं होता है। ऐसे में सोनोग्राफी करवाने से डरिए नहीं, जब भी आपकी डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करने के लिए आपको सजेशन दें तो इसे आपको करवाना चाहिए।

ये भी पढ़ें- तो इस वजह से बच्चों को कान पकड़कर उठक-बैठक लगावते हैं टीचर, सजा नहीं, ब्रेन को शार्प करती है ये 8 चीजें

Health Tips: जिसे समझ रहे है सीने की जलन वो हो सकता है हार्ट अटैक का संकेत, नजर अंदाज ना करें ये लक्षण

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos