मुंबई. दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स में से एक ऑस्कर 2022 (Oscar 2022) के लिए इस साल नॉमिनेशन की घोषणा हो गई। ऑस्कर नॉमिनेशन में कई बड़ी फिल्में इस अवॉर्ड में अपनी जीत की दावेदारी पेश करने वाली हैं। इस साल भारत से भी कुछ फिल्में ऑस्कर अवॉर्ड की रेस में शामिल होने जा रही है। 'जय भीम' और 'मराक्कर' को भारत की तरफ से ऑस्कर में बेस्ट मूवी कैटेगरी के लिए चुना गया था। लेकिन फाइनल लिस्ट में जगह बनाने में ये कामयाब नहीं हो पाई। हालांकि, भारत की एक डॉक्यूमेंट्री 'राइटिंग विद फायर' ने ऑस्कर नॉमिनेशन की फाइनल लिस्ट में जगह बना ली है। आपको बता दें कि 94वां ऑस्कर 2022 अवॉर्ड के विजेताओं की घोषणा 27 मार्च को की जाएगी। इवेंट का आयोजन लॉस एंजेलिस में किया जाएगा। हालांकि, अभी विजेताओं की घोषणा होने में समय है तो इससे पहले आपको ऑस्कर से जुड़े कुछ फैक्ट्स बताने जा रहे हैं। नीचे पढ़े क्या है ऑस्कर का असली नाम और क्यों जीतने वालों के पास नहीं होता ट्रॉफी का मालिकाना हक...
बेहद कम लोग जानते हैं कि ऑस्कर विजेता के पास उसकी ट्रॉफी का पूरा मालिकाना हक नहीं होता है। वो चाहकर भी अपनी ट्रॉफी कहीं बेच नहीं सकता है। अवॉर्ड दिए जाने से पहले विजेता से एक एग्रीमेंट साइन कराया जाता है कि वो अपनी ट्रॉफी को 1 डॉलर में अकादमी को ही बेचेंगे। अगर वो ऐसा करने से मना करते हैं तो वो ट्रॉफी अपने पास रखने के हकदार नहीं होते हैं। इस तरह का नियम 1950 से लागू है।
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यूं तो सभी इसे ऑस्कर अवॉर्ड के नाम से जानते हैं लेकिन इसके असली नाम से कम ही लोग परिचित है। बता दें कि ऑस्कर का ऑफिशियल नाम अकादमी अवॉर्ड ऑफ मेरिट है।
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आपको जानकार हैरानी होगी कि 94 साल में सिर्फ एक बार ही ऑस्कर ट्रॉफी लड़की की बनाई गई थी, जिसे 1938 में अमेरिकी एक्टर एडगर बर्गन को दिया गया था, जो अब इस दुनिया में नहीं है।
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ऑस्कर की ट्रॉफी से जुड़ा एक अजीबोगरीब फैक्ट ये भी है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मेटल की कमी हो गई थी। और इसी वजह से करीब तीन साल तक ऑस्कर की ट्रॉफी प्लास्टिक से बनाई गई थी और उस पर पेंट किया गया था।
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ऑस्कर का सबसे पहला समारोह 1929 हॉलीवुड रूजवेल्ट होटल में आयोजित किया गया था, जिसकी टिकट सिर्फ 5 डॉलर की थी। पीटर फिंच और हीथ लेजर दो ऐसे स्टार्स हैं, जिन्हें मरणोपरान्त अवॉर्ड से दिया गया।
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अगर कोई व्यक्ति चाहते हैं कि उसकी फिल्म को नॉमिनेशन में शामिल किया जाए, तो इसके लिए कुछ मानक पूरे करने होते हैं। जैसे की फिल्म 40 मिनट की होनी चाहिए। ये 35 एमएम और 70 एमएम की फिल्म होनी चाहिए। साथ ही फिल्म का मिनिमम रेजोल्यूशन 2048/ 1080 पिक्सल होना चाहिए।
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ऑस्कर अवार्ड की हिस्ट्री में ऐसा इंसीडेंट भी सामने आया है जब किसी नेता को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। ब्रिटिश सरकार में इन्फार्मेशन मिनिस्टर को 1941 में उनके एक डाक्यूड्रॉमा टार्गेट फॉर टुनाइट के लिए भी ऑस्कर मिला है।