दरअसल, तुलसी पढ़ना चाहती थी, लेकिन उसके सामने सबसे बड़ा सवाल था कि वह आखिर कैसे पढ़े, क्योंकि उसके पास कोई स्मार्ट फोन नहीं था। पिता श्रीमन कुमार की नौकरी कोरोना की वजह से चली गई थी। लेकिन उसने अपनी हिम्मत और हौसला नहीं खोया और इसके लिए जरूरी पैसों की जुगाड़ के लिए उपाय ढूंढ़ निकाला। वह रोजाना आम को टोकरी में रखकर लाती और सड़क किनारे बैठकर इन फलों को बेचने लगी। जब कोई उसके पास आता और उससे पूछता कि आप इतनी छोटी होकर क्यों इतनी तीखी धूप में आम बेच रही हो। तो वह कहती मुझे आगे पढ़ना है और इनसे जो पैसे आएंगे उससे में एक ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल लूंगी। किसी ने उसके पढ़ाई के प्रति जुनून को देखकर उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।