MP में मंगल हुआ अमंगल: जानिए सीधी बस हादसे की 5 बड़ी बातें..एक गलती से मौत के मुंह में पहुंचे 51 लोग

Published : Feb 16, 2021, 01:35 PM ISTUpdated : Feb 17, 2021, 07:24 AM IST

मध्य प्रदेश । मध्यप्रदेश मंगलवार अमंगल साबित हुआ। सीधी में नहर में बस गिरने से अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बचाव कार्य अब समाप्त हो गया है। अब तक 28 पुरुष, 22 महिलाएं और 1 बच्चे के शव के निकाल चुके हैं।  इस दौरान दिल को झकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतकों के परिजनों को लेकर 2-2 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा पीएम रिलीफ फंड से किया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मृतक के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपए की मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही गंभीर रूप से जख्मी लोगों को भी 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। हम आपको हादसे से जुड़ी 5 बड़ी बातें बता रहे हैं।

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MP में मंगल हुआ अमंगल: जानिए सीधी बस हादसे की 5 बड़ी बातें..एक गलती से मौत के मुंह में पहुंचे 51 लोग

बस को संकरे रास्ते से ले जा रहा था ड्राइवर
पुलिस के मुताबिक, बस को सीधी मार्ग पर छुहिया घाटी से होकर सतना जाना था, लेकिन यहां जाम की वजह से ड्राइवर ने रूट बदल दिया। वह नहर के किनारे से बस ले जा रहा था। यह रास्ता काफी संकरा है। इसी दौरान ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया। झांसी से रांची जाने वाला हाईवे सतना, रीवा, सीधी और सिंगरौली होते हुए जाता है। यहां जगह-जगह सड़क खराब और अधूरी है। इस वजह से यहां आए दिन जाम लगा रहता है।

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तैरकर बाहर आया ड्राइवर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्राइवर खुद तैरकर बाहर आ गया। उसे हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने मृतकों की संख्या 45 हो गई है। 

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मरने वालों में 12 छात्र
मृतकों में 12 छात्र भी थे। ये सभी रेलवे की परीक्षा देने सतना जा रहे थे। हादसे की शिकार हुई बस सीधी से सतना जा रही थी। वहीं, हादसे के चार घंटे बाद क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया। 

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20 से 22 फीट है नहर की गहराई
नहर की गहराई 20 से 22 फीट बताई जा रही है। जिस वक्त हादसा हुआ, तब बहाव तेज था, लिहाजा यात्रियों को संभलने का मौका नहीं मिला।

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जताई जा रही है ये आशंका 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आशंका जताई जा रही है कि तेज बहाव के कारण लोग घटनास्थल से काफी दूर बह गए होंगे। फिलहाल बाणसागर डैम से नहर का पानी रोक दिया गया है। नहर का जलस्तर कम करने के लिए इसके पानी को सिहावल नहर में भेजा जा रहा है।
 

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