दरअसल, प्रवीण जाधव मूल रूप से महाराष्ट्र के सतारा जिले के रहने वाले हैं। जिनका आधा जीवन सार्दे गाव में नाले के किनारे बनी झुग्गियों में बीत गया। उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी करते थे। लेकिन उन्होंने अपने लक्षय के आगे कभी भी अपनी गरीबी का रोना नहीं रोया। मेहनत और जज्बे की दम पर वह कर दिखाया, जिसका सपना भारत का हर खिलाड़ी देखता है।