बुलढाणा, महाराष्ट्र. जिले में स्थित लोनार झील इन दिनों वैज्ञानिकों की रिसर्च का विषय बनी हुई है। हरे से गुलाबी हुए इसके पानी को लेकर वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं। वहीं, इस रहस्यमयी झील को देखने लोग भी पहुंच रहे हैं। बता दें कि यह झील उल्का पिंड के टकराने से बनी थी। वैज्ञानिक बताते हैं कि 5 लाख साल पहले 22 किमी प्रति सेकंड की गति से उल्का पिंड इस जगह पर टकराया होगा। इसके टकराने से इलाके में 10 किमी तक धूल के गुबार उठे थे। अब यह झील अपनी पानी के रंग बदलने से चर्चा में है। झील का पानी हरे से गुलाबी हो गया है। हालांकि इस रहस्य से पर्दा उठ चुका है। इसकी वजह‘हालोआर्चिया’ नामक जीवाणुओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी माना जा रहा है। यह रिसर्च पुणे के आगरकर अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. प्रशांत धाकेफाल्कर ने की है। यह एक खारे पानी की झील है। यह जीवाणु खारे पानी में ही पाया जाता है। जानिए इस झील के बारे में और जानकारियां...