6 फरवरी, 1931 इतिहास के पन्नों में खास अहमियत रखती है। इस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता और इंदिरा गांधी के दादा मोतीलाल नेहरू का निधन हुआ था। मोतीलाल नेहरू स्वतंत्रता संग्राम के शुरुआती कार्यकर्ताओं में से एक थे। 'जलियांवाला बाग कांड' के बाद 1919 में अमृतसर में हुई बैठक में वे पहली बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने। इसके बाद 1928 में कोलकाता बैठक में उन्हें दुबारा अध्यक्ष चुना गया। मोतीलाल नेहरू 1920 में महात्मा गांधी को सुनकर इतने प्रभावित हुए कि वकालात छोड़कर आजादी की लड़ाई में कूद गए। जब भी कांग्रेस पर संकट आता, मोतीलाल नेहरू उसे आर्थिक सहायता देते थे। मोतीलाल के बारे में कहा जाता है कि वे अपने समय के रईस थे। महंगे वकील थे और महंगी चीजों के शौकीन भी। आइए पढ़ते हैं कुछ किस्से...