नई दिल्ली. कोरोना वायरस के चलते सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 चरणों में इस पैकेज की घोषणा की। 5वें चरण में रविवार को प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य में आसानी से काम मिल सके, इसके लिए मनरेगा के तहत 40 हजार करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया। इसके अलावा बच्चों को ई-शिक्षा और बिजनेस को आसान बनाने के लिए भी कुछ ऐलान किए गए। शुरुआती चार चरणों में किसानों से लेकर एमएसएमई से लेकर रेहड़ी वालों के लिए ऐलान किए गए थे। आईए जानते हैं कि इन पांच दिन में किसे क्या मिला?
पहला दिन: 5.94 लाख करोड़ का ऐलान
पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5.94 लाख करोड़ की योजनाओं का ऐलान किया था। इसमें सबसे ज्यादा 3 लाख करोड़ रुपए का पैकेज एमएसएमई यानी छोटे लघु और मध्यम उद्योगों के लिए। इसके साथ ही तनावग्रस्त MSME के लिए 20,000 करोड़ रुपये का सबोर्डिनेट लोन का प्रावधान किया। फंड्स ऑफ फंड्स के लिए 50 हजार करोड़ रुपए जारी किए गए।
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90 हजार करोड़ बिजली कंपनियों के लिए जारी किए गए। 15 हजार से कम सैलरी वाले कर्मचारियों के लिए 3 महीने ईपीएफ जमा करने के लिए 2800 करोड़ जारी किए। इन फैसलों समेत सरकार ने पहले दिन 5.94 लाख करोड़ रुपए के ऐलान किए।
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दूसरे दिन : 3.10 लाख करोड़ रुपए का ऐलान
दूसरे दिन वित्त मंत्री ने कुल 3.10 लाख करोड़ के ऐलान हुए। इसके तहत 3500 करोड़ रुपए मजदूरों को 2 महीने राशन के लिए जारी किए गए। छोटे व्यापारियों को लाभ देने के लिए 1500 करोड़ रुपए का मुद्रा शिशु लोन जारी किया गया। वहीं, 50 हजार करोड़ रेहड़ी वालों के लिए
जारी करने का फैसला किया गया।
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इसके तहत 50 लाख रेहड़ी और सड़क किनारे दुकान लगाने वाले दुकानदार 10 हजार रुपए का लोन ले सकेंगे। किसानों को क्रेडिट कार्ड के 2 लाख करोड़ रुपए जारी किए गए। वहीं, नाबार्ड के जरिए छोटे-मध्यम किसानों को लाभ देने के लिए 30,000 करोड़ रुपए जारी करने का प्रावधान किया गया है।
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तीसरा दिन : 1.50 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान
तीसरे दिन वित्त मंत्री ने किसानों से संबंधित कई ऐलान किए। सरकार ने तीसरे दिन 1.50 लाख करोड़ की योजनाओं की घोषणा की। इसमें 1 लाख करोड़ कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने का प्रावधान किया गया।
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इसके अलावा 15,000 करोड़ एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के लिए, 4,000 करोड़ रुपए हर्बल खेती के प्रमोशन के लिए, 500 करोड़ मधुमक्खी पालन के लिए जबकि 20 हजार करोड़ मत्स्य संपदा के लिए जारी किया गया।
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चौथा दिन: 8100 करोड़ रुपए का प्रावधान
वित्त मंत्री ने बताया, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों का निजीकरण होगा। इससे विद्युत उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए 8100 करोड़ दिए जाएंगे। 30% वायवैलिटी गैप फंडिंग के आधार पर यह रकम दी जाएगी। इसके अलावा चौथे दिन सुधारों की बात कही गई। यह आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में बड़े कदम हैं।
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पांचवा दिन: मनरेगा में 40 हजार करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान
वित्त मंत्री ने पांचवें यानी आखिरी दिन भी रिफार्म के लेकर कई बड़े ऐलान किए। हालांकि, इस दौरान उन्होंने मनरेगा को 40 हजार करोड़ के अतिरिक्त प्रावधान की बात कही। इसके जरिए प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य में रोजगार देने पर जोर किया जाएगा।
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इस तरह से वित्त मंत्री ने बताया कि 5 दिन में सरकार की ओर से 11.02 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया गया। इसके अलावा इस पैकेज में वित्त मंत्रालय द्वारा पहले वाला पैकेज और आरबीआई द्वारा किए गए ऐलान भी शामिल हैं।
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यानी 11.02 लाख करोड़ रुपए के अलावा सरकार द्वारा 1.92 लाख करोड़ रु के ऐलान और आरबीआई द्वारा उठाए गए 8.01 लाख करोड़ के कदम मिलाकर यह पैकेज 20.09 लाख करोड़ का हो जाता है।