चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों को चारों तरफ से घेरा, फिर कंटीले तारों, पत्थर और डंडे से किया अटैक

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच LAC पर तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन और भारत के बीच लद्दाख के गलवान नदी इलाके में तनाव चरम पर पहुंच चुका है। कई राउंड की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकलते देख भारत ने भी उस इलाके में सेना की तैनाती बढ़ा दी है। पिछले कुछ सप्ताह में चीन ने इस इलाके में अपनी स्थिति मजबूत की और करीब 5 हजार चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण सीमा के करीब तैनात हैं और उसमें कई तो भारतीय सीमा के अंदर तक घुस आए हैं। इस बीच, भारत ने सीमा पर चीनी चाल को काउंटर करने के लिए सेना की तैनाती बढ़ाने के साथ ही निगरानी भी तेज कर दी है।

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2020 10:31 AM IST
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चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों को चारों तरफ से घेरा, फिर कंटीले तारों, पत्थर और डंडे से किया अटैक

कंटीले तारों और डंडों से जवानों को पीटा

चीनी सैनिकों और भारतीय जवानों के बीच पिछले दिनों कई बार झड़पें हुईं हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग त्सो झील वाले इलाके में 5 मई को हुई झड़प के वक्त चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों पर डंडों, कांटेदार तारों और पत्थरों से अटैक किया था। न्यूज एजेंसी एनएनआई ने सूत्रों के हवाले से ये रिपोर्ट दी है। इसके मुताबिक चीन की सेना का रवैया पाकिस्तान समर्थित उन पत्थरबाजों जैसा था, जो कश्मीर में भारतीय जवानों को मारते हैं।

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चीन के सैनिकों ने गुंडों जैसा बर्ताव किया
चीन के सैनिक संख्या में भारतीय जवानों से ज्यादा थे, फिर भी अन-प्रोफेशनल तरीके से पेश आए और बेवजह की उग्रता दिखाई। उनका रवैया बिल्कुल गुंडों जैसा था। उन्होंने भारतीय जवानों के चारों ओर टिड्डियों जैसा घेरा बना लिया था। दूसरी ओर भारतीय जवान कभी भी इस तरह की हरकत नहीं करते, जबकि सालभर छोटी-मोटी झड़पें होती रहती हैं।
 

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भारतीय सैनिकों को बल प्रयोग न करने की सलाह 
1962 के भारत-चीन युद्ध का केंद्र रहे गलवान इलाके में LAC के करीब घुसपैठियों को निकालने के लिए भारतीय सेना को बल का प्रयोग न करने की सलाह दी गई है। भारतीय सेना मौजूदा स्थिति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है लेकिन सूत्रों का कहना है कि सीमा के करीब चीनी सेना की संख्या कहीं और ज्यादा है जो घुसपैठियों को सपोर्ट कर रहे हैं।
 

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6 दौर की बातचीत बेनतीजा, बढ़ाई गई सैनिकों की तैनाती 
सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना के साथ 6 दौर की बात असफल रही है। पैंगोंग शो झील और गलवान फिंगर इलाके के करीब चीनी सेना ने स्थायी बंकर बनाने के लिए कुछ इलाके में खुदाई की है। इससे संकेत मिलता है कि चीनी सेना यहां नई पोस्ट बनाना चाहती है।

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इसका मतलब ये होगा कि 1960 के बाद पहली बार LAC के साथ छेड़छाड़ की कोशिश होगी। ऐसी भी खबरें हैं कि भारत ड्रोन के इस्तेमाल के जरिए ऐसे पॉइंट को खोजने की कोशिश कर रही है जहां से चीनी सेना कोई हरकत कर सकती है।

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दोनों सेनाओं के बीच हुईं हाल-फिलहाल की झड़पें
पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील- 5 मई की शाम को इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
 

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नाकू ला सेक्टर- 9 मई को नाकू ला में दोनों देशों के 150 सैनिक आमने-सामने आ गए। हालांकि आधिकारिक तौर पर सैनिकों के बीच हुए झड़प की तारीख सामने नहीं आई है। लेकिन 'द हिंदू' के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर घूंसे चलाए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। जिसके बाद झड़प खत्म हुआ।

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9 मई को ही लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन की सेना के हेलिकॉप्टर दिखने के बाद भारतीय वायुसेना सतर्क हो गई। भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत दूसरे लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी। एलएसी के पास चीन के हेलिकॉप्टर उसी दौरान देखे गए, जब उत्तरी सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों में झड़प हुई थी।

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