16 जून से आई बाढ़ का तांडव 18 जून को जब कम हुआ तो केदारनाथ के आसपास का इलाका कब्रिस्तान बन चुका था। जहां-तहां लाशों के चिथड़े पड़े थे। कहीं सिर था तो कहीं धड़। किसी के बदन पर कपड़े नहीं था, जगह-जगह पत्थरों और खंडहरों में लाशें फंसी थीं। कई लोगों के रिश्तेदार आज भी उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं।