MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • National News
  • मनहूस मानसून : केदारनाथ में तबाही से पहले और बाद की 7 तस्वीरें, खौफनाक मंजर देख कांप उठेगा कलेजा

मनहूस मानसून : केदारनाथ में तबाही से पहले और बाद की 7 तस्वीरें, खौफनाक मंजर देख कांप उठेगा कलेजा

Kedarnath Disaster: मानसून एक बार फिर पूरे देश में एक्टिव हो गया है। महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केरल के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है। पहाड़ी इलाकों में बादल फटने और भू-स्खलन की वजह से काफी दिक्कतें आ रही हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बादल फटने से कई लोगों के बहने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि मानसून हर साल बारिश के साथ तबाही भी लाता है। पिछले कुछ सालों में बाढ़ के चलते लाखों लोग काल के गाल में समा गए। मानसून के एक्टिव होने पर हमने 'मनहूस मानसून' नाम से एक सीरिज शुरू की है। इसमें मानसून के दौरान हुए भीषण हादसों के बारे में बताएंगे। 

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jul 06 2022, 01:50 PM IST| Updated : Jul 10 2022, 10:34 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
17

केदारनाथ धाम में 16 और 17 जून को मानसून ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान बादल और ग्लेशियर टूटने की वजह से पहाड़ों से बहते पानी की धाराएं कई धारा में बंट गई थीं। इनकी वजह से केदारनाथ में भारी तबाही मची थी। 

27

केदारनाथ में तबाही से पहले और बाद की तस्वीरें साफ दिखा रही हैं कि  आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की वजह से कितना नुकसान हुआ। हालांकि, इतनी बाढ़ के बावजूद मंदिर को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था।

37

केदारनाथ के आसपास सोनप्रयाग, रेलगांव, काकडागाड़, कुंड, विद्यापीठ, भीरी, तिलवाड़ा, चंद्रपुरी, सौड़ी और अगस्त्यमुनि जैसी जगहों पर इमारतों के साथ ही कई सड़कें और पुल भी बह गए थे।

47

2013 में सबसे ज्यादा तबाही केदारनाथ, गुरियाया, गौरीकुंड, लेंचुरी, घिंदुपाणी, रामबाड़ा में हुई थी। तब केदारघाटी का 95 फीसदी हिस्सा जलप्रलय की चपेट में आ गया था। 

57

निचले इलाकों में रुद्रप्रयाग, मुंडकटा गणेश, ब्यूंग, जुगरानी, चुन्नी विद्यापीठ, सोनप्रयाग, रेलगांव, सीतापुर,  काकडा, भीरी, बांसवाड़ा, रामपुर, सेमीकुंड, तिमारिया, चंद्रापुरी, सिल्ली गंगताल, भटवाड़ी, सौड़ी, बेदुबागरचट्टी और बनियाड़ी में भारी तबाही मची थी।  

67

केदारनाथ के ऊपर स्थित चौराबाड़ी ग्लेशियर का पानी मलबे के साथ मिलकर भारी बारिश के चलते अपनी सीमाएं तोड़ता हुआ आगे बढ़ा। अपने साथ ढेर सारे पत्थर और पानी बहाकर लाते हुए इस मलबे ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया था। 

77

भारी बारिश और ग्लेशियर की बर्फीली सतह पिघलने के साथ ही भारी दबाव के साथ पानी जब आगे बढ़ा तो पत्थरों ने और रफ्तार पकड़ ली। हालांकि, इसके रास्ते में एक चढ़ाई आ गई, जिससे मलबे की रफ्तार कुछ कम हो गई थी। केदारनाथ मंदिर के पीछे भी एक बड़ी सी चट्टान आकर रुक गई थी, जिससे मंदिर को नुकसान नहीं हुआ। लेकिन इसके बाद आगे के रूट में एक बार फिर ढलान होने की वजह से मलबे ने दोबारा रफ्तार पकड़ ली थी।

ये भी देखें : 
PHOTOS: केदारनाथ में 9 साल पहले आखिर क्यों आया था जल प्रलय, फोटो देख कांप उठेगा कलेजा

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved