खुशखबरी ! जल्द मिलेगी दोषियों को मौत, इनके परिवार में किसी की पत्नी विकलांग तो किसी के पिता को दिखाई नहीं देता
नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को 7 दिन का वक्त मिला है। 7 दिन में वह अपने सभी विकल्प का इस्तेमाल कर लें। इसके बाद कोर्ट उनके डेथ वॉरंट पर अमल करेगा। यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर सुनाया, जिसमें केंद्र सरकार ने मांग की थी कि जिस दोषी के विकल्प खत्म हो गए हैं उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी दी जा सकती है, अलग-अलग नहीं। इस बीच बताते हैं कि उन चारों दोषियों की कुंडली, जिन्हें फांसी देने के लिए पूरे देश में मांग हुई।
Asianet News Hindi | Published : Jan 7, 2020 11:43 AM IST / Updated: Feb 05 2020, 03:23 PM IST
मुकेश सिंह - निर्भया से गैंगरेप का दोषी मुकेश बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।
अक्षय ठाकुर- यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है।
विनय शर्मा- निर्भया का दोषी विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
पवन गुप्ता- पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।