भूख से मर गए तो क्या सरकार जवाब देगी...पलायन करने वालों की आपबीती, कहा, बस खाना चाहिए और कुछ नहीं
नई दिल्ली. लॉकडाउन के बाद दिल्ली से पलायन करने की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वह दुखी करने वाली हैं। लोग पैदल ही यूपी और बिहार के लिए निकल रहे हैं। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भीड़ लगी हुई हैं। मजबूरी में बस तो चलाई गई है, लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रही है। ऐसे में पलायन करने वालों का दर्द बताते हैं। कोई खाने के लिए परेशान है तो किसी को डर है कि भूख से कहीं मौत न हो जाए। एक महिला ने बताया कि वह तो मंदिर में दर्शन के लिए आई थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से फंस गई।
Asianet News Hindi | Published : Mar 28, 2020 2:21 PM IST / Updated: Mar 28 2020, 07:52 PM IST
बस खाना चाहिए और कुछ नहीं : चंडीगढ़ में लॉकडाउन- यहां पर काम करने आए प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ में फंसे गोरखपुर निवासी बिमल ने बताया, बहुत दिक्कत हो रही है। सब बंद हो गया है। कल प्रशासन की तरफ से खाना मिला था आज सुबह से कुछ नहीं खाया है। बस खाना चाहिए और कुछ नहीं।
भूख से कोई ड्राइवर मर जाए तो सरकार जवाब देगी : गाजियाबाद में लॉकडाउन- सीमापुरी बॉर्डर पर लॉक डाउन की वजह से 40-50 ट्रक फंसे हुए हैं। पूना से आए ड्राइवर शैलेष ने बताया, लोगों को बचाने के लिए हम सरकार का समर्थन करते हैं। पर लाख-करोड़ ड्राइवर भाई जो बॉर्डर पर फंसे हुए हैं वो सब भूखे मर रहे हैं। अगर कोई ड्राइवर मर जाएगा तो क्या सरकार इसका जबाव देगी।
कोई देता है तो खा लेते हैं नहीं तो भूखे रहते हैं : उत्तराखंड में लॉकडाउन- लॉकडाउन की वजह से देहरादून में कई ट्रक ड्राइवर फंसे हुए हैं। एक ट्रक ड्राइवर संजीव कुमार ने बताया, 22 तारीख से हम यहां खड़े हैं ना तो हमें भाड़ा मिल रहा है ना ही खाली गाड़ी ले जाने दे रहे हैं। खाने के लिए भी दुखी हैं कोई ले आता है तो खा लेते हैं नहीं तो भूखे रहते हैं।
मंदिर घूमने आए थे, लॉकडाउन में फंस गए : अमृतसर में श्री गुरुद्वारा प्रबंदक कमेटी ने दूसरे राज्यों के लोगों को उनके घर वापिस पहुंचाने के लिए फ्री बसों का इंतजाम किया। एक महिला यात्री ने कहा, हम कुरुक्षेत्र से दरबार साहिब स्वर्ण मंदिर घूमने आए थे और लॉकडाउन के बीच यहीं फंस कर रह गए। मुफ्त बस सेवा से घर वापिस जाने की उम्मीद बंधी है।
पुलिस डंडे मार रही है, मां-बाप बीमार हैं : हरियाणा में लॉकडाउन के बीच ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था ना होने के चलते फरीदाबाद में लोग पैदल ही अपने गांव जाने को मजबूर हैं। रईस ने बताया, हम टीकमगढ़ जाएंगे, घर में बच्ची और मां बीमार है। सुबह 6 बजे से बैठे हैं कोई वाहन नहीं आ रहा है। पुलिस वाले डंडा मार रहे हैं। बोल रहे हैं कि भागों यहां से।
दिल्ली से पलायन कर रहे लोगों को घर वापस लाने के लिए सरकार ने बसें चलवाई हैं।