कहीं लगा लाशों का ढेर, तो आग ने 50 करोड़ बेजुबानों को लीला....2020 की 10 तस्वीरें, जिन्हें नहीं भूल पाएंगे हम

नई दिल्ली. साल 2020 खत्म होने को है। लोग 2020 को सदी की सबसे कष्टदायी साल तक बता रहे हैं। यह साल ऐसा रहा, जब दुनिया एक के बाद एक परेशानियों से घिरती नजर आई। चाहें वह कोरोना संकट हो, या उससे पहले दिल्ली में हिंसा। वहीं, इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग में मारे गए जानवरों की भीभत्स तस्वीरें सामने आईं। वहीं. बेरुत में बम धमाके ने सभी को झकझोर कर रख दिया। आज हम 2020 की ऐसी ही तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं, जिन्हें हम चाहकर भी नहीं भूल पाएंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2020 11:46 AM IST
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कहीं लगा लाशों का ढेर, तो आग ने 50 करोड़ बेजुबानों को लीला....2020 की 10 तस्वीरें, जिन्हें नहीं भूल पाएंगे हम

ब्राजील: यह तस्वीर ब्राजील के सबसे बड़े कब्रिस्तान की है। ब्राजील कोरोना से तीसरा सबसे प्रभावित देश है। वहीं, मौत के मामले में दूसरा। यहां कोरोना से अब तक 1.89 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में कुछ समय पहले ऐसे हालात हो गए थे कि साओ पाउलो के विला फॉर्मोसा में स्थित इस कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए जगह तक नहीं बची थी। यहां पुरानी लाशों को निकालकर उनकी जगह नए शव दफनाए जा रहे थे। 
 

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कोरोना का दुख, नहीं भुला पाएंगे हम
तस्वीर 24 मई न्यूयॉर्क सिटी की है। यहां कोरोना के चलते लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे। इसके बावजूद एक महिला अपनी नातिन को देखकर खुद को रोक नहीं पाई और दोनों ने एक दूसरे को गले लगा लिया। दोनों के बीच में एक पर्दा था। लेकिन यह रिश्तों के बीच नहीं आ सका। यह तस्वीर एएल बेल्लो ने निकाली है। 

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बेरुत: 4 अगस्त 2020 को बेरुत में धमाका हुआ था। इस धमाके में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। धमाका इतनी तेज था कि कई किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई दी और ना जाने कितने घरों को नुकसान पहुंचा। धमाके में जख्मी अपनी रिश्तेदार को ले जाता युवक। यह फोटो हसन अमर ने खींची है। 

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मक्का :  कोरोना का असर सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि ईश्वर तक पर पड़ा। कोरोना के चलते 90 साल में पहली बार हज यात्रा रद्द की गई। इस्लाम के पवित्र शहर मक्का और मदीना को विदेशियों के लिए बंद कर दिया गया था। हमेशा भीड़ से भरा रहने वाला काबा पहली बार खाली नजर आया। 

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जॉर्ज फ्लॉयड मई 2020: अमेरिका में कोरोना का खतरा टला भी नहीं था कि यहां जार्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध में बड़े स्तर पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। यहां तक की 40 शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। उपद्रवियों ने अमेरिका में सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तक को घेर लिया था। अमेरिका में यह विरोध प्रदर्शन जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद शुरू हुए थे। यहां नकली नोट चलाने के आरोप में पकड़े गए फ्लॉयड की पुलिस झड़प में मौत हो जाती है। इस घटना का वीडियो भी काफी वायरल हुआ था। इसमें फ्लॉयड के ऊपर एक पुलिस अफसर को घुटने के बल बैठा देखा गया था। 

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दिल्ली हिंसा: दिल्ली में फरवरी में नागरिकता कानून के विरोध में दंगे हुए थे। इन दंगों ने 50 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन इन दंगों ने हजारों लोगों को ऐसे जख्म दे दिए, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इन दंगों के दौरान एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। दरअसल,  प्रदर्शनकारियों में शामिल शाहरुख खुलेआम पुलिस पर फायरिंग करता नजर आया था। यह दृश्य किसी फिल्म से कम नहीं था। 

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सुलेमानी की मौत पर उमड़ा ईरान
अमेरिका ने जनवरी में ईराक में एयरस्ट्राइक की थी। इस एयरस्ट्राइक में ईरान के सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। सुलेमानी ईरान में काफी प्रभावशाली व्यक्ति थे। उनके जनाजे में मानों पूरा ईरान सड़कों पर उतर आया था। सुलेमानी को अंतिम विदाई देने लाखों लोग जुटे थे।

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मुसीबत लेकर आया लॉकडाउन
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लगाया गया था। लेकिन अचानक लगे इस लॉकडाउन से लाखों मजदूर फंस गए। उन्हें अपने घरों तक पहुंचने के लिए सैकड़ों किमी पैदल चलना पड़ा। इस दौरान तमाम मार्मिक तस्वीरें भी सामने आईं। मजदूरों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। ऐसी ही तस्वीर आगरा से सामने आई, यहां पंजाब से लौटकर कुछ मजदूर महोबा जा रहे थे। मां अपने मासूम बच्चे को सूटकेस पर लिटाकर पैदल चलकर जा रही थी। यह तस्वीर काफी वायरल हुई। 

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50 करोड़ जानवरों की हुई मौत
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में सितंबर 2019 में आग लगी थी। यह आग करीब 8 महीने तक लगी रही। इस आग में करीब 50 करोड़ जानवरों और पंछियों की मौत हो गई थी। यह तस्वीर बेजुबानों के दर्द को बयां कर रही है।  

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जब कैदियों के साथ हुआ जानवरों जैसा बर्ताव
यह फोटो अल साल्वाडोर की राजधानी सैन सल्वाडोर की जेल की है। यहां दंगों में 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे। राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने इसके पीछे कोरोना को वजह बताया। इसके बाद कैदियों की कुछ इस तरह से तलाशी ली गई थी। 

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