जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। उनकी इस जीत और मेहनत के पीछे जर्मनी के दिग्गज खिलाड़ी उवे होन और क्लाउस बार्टोनिट्ज का हाथ है। उवे होन ओलंपिक खेल में 100 मीटर बाधा को पार करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। पिछले कुछ सालों से नीरज उन्हीं के अंडर ट्रेनिंग कर रहे हैं। वहीं, क्लाउस बार्टोनिट्ज नीरज के बायोमैकेनिकल विशेषज्ञ के तौर पर काम करते हैं। 2019 में नीरज को अपनी दाहिनी कोहनी की सर्जरी करानी पड़ी और इसके बाद उन्हें सही फिटनेस हासिल करने में बार्टोनिट्ज ने काफी मदद की।