खिलाड़ियों की मेहनत के पीछे से इन लोगों का बड़ा हाथ, जानें किन कोचों की ट्रेनिंग में एथलीट्स ने रचा इतिहास

स्पोर्ट्स डेस्क : कहते हैं हर सफल खिलाड़ी (athlete) के पीछे एक सफल कोच (coach) का हाथ होता है, जिनके मार्गदर्शन में वह इतिहास रचते हैं। खिलाड़ियों के साथ कोच भी कड़ी मेहनत करते है और जब उसका फल मिलता है, तो वह भी खिलाड़ी के जितना ही खुश होते हैं। टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भी भारतीय एथलीटों के खेल को चार-चांद लगाने के पीछे 7 विदेशी और 1 देसी कोच का हाथ रहा है। आइए आज आपको मिलवाते हैं, मीराबाई चानू से लेकर नीरज चोपड़ा तक 7 खिलाड़ियों के 7 द्रोणाचार्यों के बारे में...

Asianet News Hindi | Published : Aug 10, 2021 3:33 AM IST
17
खिलाड़ियों की मेहनत के पीछे से इन लोगों का बड़ा हाथ, जानें किन कोचों की ट्रेनिंग में एथलीट्स ने रचा इतिहास

जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। उनकी इस जीत और मेहनत के पीछे जर्मनी के दिग्गज खिलाड़ी उवे होन और क्लाउस बार्टोनिट्ज का हाथ है। उवे होन ओलंपिक खेल में 100 मीटर बाधा को पार करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। पिछले कुछ सालों से नीरज उन्हीं के अंडर ट्रेनिंग कर रहे हैं। वहीं, क्लाउस बार्टोनिट्ज नीरज के बायोमैकेनिकल विशेषज्ञ के तौर पर काम करते हैं। 2019 में नीरज को अपनी दाहिनी कोहनी की सर्जरी करानी पड़ी और इसके बाद उन्हें सही फिटनेस हासिल करने में बार्टोनिट्ज ने काफी मदद की।
 

27

टोक्यो ओलंपिक 2020 में लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज किया। लेकिन उनके पोडियम फिनिश के पीछे, इटली के कोच रैफेल बर्गमास्को थे जिन्होंने भारतीय मुक्केबाज के साथ जीत-तोड़ मेहनत की। वर्ल्ड चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करने से लेकर टोक्यो ओलंपिक मेडल तक रैफेल बर्गमास्को के कारण लवलीना बोर्गोहेन की सफलता कई मायनों में सफल रही।

37

पहलवान रवि दहिया भले ही सिल्वर मेडल से खुश न हों लेकिन उनके कोच कमाल मलिकोव को इस पहलवान के प्रयासों पर गर्व होगा। पुरुषों की 57 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी में सिल्वर जीतने वाले रवि अप्रैल 2019 से रूस के कमाल मलिकोव से ट्रेनिंग ले रहे हैं। रूसी कोच ने भारत के दोहरे ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को भी ट्रेन किया है। 

47

65 किग्रा वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले बजरंग पुनिया को विदेशी कोच शाको बेंटिनिडिस ने ट्रेनिंग दी है। बजरंग पुनिया की जीत पीछे जॉर्जियाई कोच का हाथ है। एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में 65 किग्रा फ्रीस्टाइल कैटेगरी में गोल्ड मेडल सहित टोक्यो में बजरंग के कांस्य पदक जीतने के पीछे उनके कोच शाको बेंटिनिडिस ने बड़ा योगदान दिया है।

57

भारत की टॉप शटलर पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर मेडल जीतकर सुर्खियां बटोरीं, जिसमें मुख्य बैडमिंटन कोच पल्लेला गोपीचंद ने उनकी मदद की। लेकिन इस बार पीवी सिंधु ने पूर्व दक्षिण कोरियाई एकल खिलाड़ी पार्क ताए-सांग से ट्रेनिंग ली। वह 2019 के बाद से पीवी सिंधु को ट्रेन कर रहे हैं। सिंधु ने टोक्यो में पार्क ताए-सांग के साथ एचई बिंगजियाओ के खिलाफ कांस्य पदक मैच जीतकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।

67

मीराबाई चानू ने भारत को वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीताया है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रीय चैम्पियन विजय शर्मा के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग ली है। उन्होंने महिलाओं की 49-किलो वेटलिफ्टिंग में 2000 में कर्णम मल्लेश्वमरी के कांस्य के बाद से इस खेल में दूसरा पदक अपने नाम किया।

77

41 साल बाद मेजल जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम की कमान ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी रहे ग्राहम रीड के हाथों में थी। ग्राहम रीड लगभग दो साल से टीम को ट्रेनिंग दे रहे हैं। बता दें कि 1980 के ओलंपिक में गोल्ड के 41 साल बाद भारत ने कांस्य पदक जीता है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos