कोलकाता, पश्चिम बंगाल. कोरोना और लॉकडाउन (Corona and lockdown) का असर दुर्गा उत्सव पर भी पड़ा है। यह असर झांकियों के रूप में दिखाई दे रहा है। बंगाल के सबसे बड़े उत्सव दुर्गा पूजा ( Bengal Durga Utsav) की गुरुवार से शुरुआत हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी कोलकाता में हुए एक कार्यक्रम में दिल्ली से वर्चुअली जुड़े। अगले साल बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इसका इंतजाम किया गया था। मोदी को सुनने बंगाल के सभी 294 विधानसभा इलाकों के 78 हजार बूथों पर टीवी स्क्रीन लगाए थे। इस बार बंगाल में लगे पंडालों में सजाई गईं झांकियां कोरोना और लॉकडाउन विषय पर तैयार की गई हैं। ज्यादातर झांकियों में प्रवासी मजदूरों का दर्द दिखाया गया है, जब लॉकडाउन लगने पर उन्हें अपने घर जाने के लिए परेशान होना पड़ा था। बता दें कि बंगाल में दुर्गापूजा की शुरुआत 500 साल पहले हुई थी। अचलाबाड़ी में सवर्ण रायचौधुरी परिवार के लक्ष्मीकांत गंगोपाध्याय ने 1610 में सबसे पहले इसकी शुरुआत की थी। 1757 में नबकृष्ण देब ने शोभा बाजार में दुर्गा पूजा की शुरुआत कराई।