इस स्टेट में शराब पीने वालों की खैर नहीं, नशे में धुत मिले तो पिंजरे में बितानी होगी रात, देना होगा जुर्माना

अहमदाबाद :  गुजरात (Gujrat) में शराब पर भले ही पाबंदी है लेकिन कई बार कई लोग शराब के नशे में झूमते दिखाई देते हैं। ऐसे ही लोगों को सबक सिखाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है अहमदाबाद (Ahmedabad) के मोतीपुरा गांव ने। यहां नट समाज की बहुलता है। ज्यादातर लोग मजदूरी पर अपना जीवन गुजारते हैं। शराब की लत उनके पैसे और परिवार दोनों को बर्बाद करती है, ऐसा ना हो इसलिए यहां पर शराब पीने वालों पर जुर्माना लगाना और सजा के तौर पर रात भर पिंजरे में कैद कर रखा जाता है। क्या है यह अनोखा प्रयोग और क्या है इसके परिणाम देखिए..

Asianet News Hindi | Published : Oct 21, 2021 12:25 PM IST

15
इस स्टेट में शराब पीने वालों की खैर नहीं, नशे में धुत मिले तो पिंजरे में बितानी होगी रात, देना होगा जुर्माना

बड़े काम की तरकीब
शराब छुड़ाने की अनोखी तरकीब अहमदाबाद के साणंद से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर बसे मोतीपुरा गांव पिछले कुछ वर्षों से शराब का दंश झेल रहा था। गांव में 100 से ज्यादा ऐसी महिलाएं हैं जो शराब की वजह से विधवा हो चुकी हैं। शराब की इसी त्रासदी को रोकने के लिए कई बार सरकार को याचिका भी दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो गांव के लोगों ने ही यहां पर एक अनूठी पहल शुरू की।

25

..तो पिजरे में बितानी होगी रात
गांव में महिलाओं की मदद से एक पिंजरा तैयार किया और शराब पीने वाले शख्स को रातभर उसी पिंजरे में कैद कर दिया जाता है। इसके अलावा उस पर 2500 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। जुर्माने से जो राशि जमा होती है, उसका प्रयोग गांव के विकास के लिए किया जाता है।

35

बढ़ाया गया जुर्माना
गांव के सरपंच बाबू नायक ने बताया कि पहले शराब पीने वालों पर 1200 रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला किया, लेकिन समुदाय के सदस्यों को बाद में महसूस हुआ कि यह काफी नहीं है, जिसे बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया गया। पिंजड़े में केवल पीने का पानी की बोतल और शौच के लिए कंटेनर दिया जाता है। यह प्रयोग प्रभावी साबित हो रहा है, साल दर साल पिंजड़े में बंद होने वाली संख्या कम हो रही है।

45

दूसरे गांव भी अपना रहे 'मॉडल'
मोतीपुरा गांव के इस मॉडल की कामयाबी ने बाकी गांवों को भी प्रेरित किया है। अब अहमदाबाद, सुरेंद्रनगर, अमरेली और कच्छ जिलों के 23 से ज्यादा गांवों ने इस सामाजिक प्रयोग को अपना लिया है। इन सभी गांवों में नट समुदाय के लोग रहते हैं।

55

घरेलू हिंसा में कमी
इस प्रयोग की कामयाबी के पीछे गांव की महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है। महिला ही शराब पिए हुए गांव के शख्स के बारे में जानकारी देती हैं, उनकी पहचान गुप्त रखी जाती है। जुर्माने के रूप में वसूली गई रकम में से उन्हें 501 या 1100 का इनाम भी दिया जाता है। सरपंच बाबू नायक ने बताया कि इस प्रयोग से गांव में घरेलू हिंसा में 90 प्रतिशत तक कमी आई है। कई व्यक्तियों ने तो अपनी बुरी आदतें भी छोड़ दी हैं।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos