26 जुलाई 2008 का वो काला दिन। शाम को बाजार गुलजार थे और लोग अपनी रोजमर्जा की जिंदगी में व्यस्त। हर कोई अगले ही पल होने वाले खतरे से अंजान था। शाम के साढ़े 6 बजे होंगे कि तभी बाजार में अचानक जोरदार धमाका हुआ, लोग कुछ समझ पाते कि तब तक एक के बाद एक सिलसिलेवार 21 धमाके हुए। 45 मिनट में सब कुछ तबाह हो गया था, 56 लोग मारे जा चुके थे, 260 लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे।