16 बंदियों के जेल से भागने के बाद सुनाई थी कुछ ऐसी फिल्मी कहानी,इन तस्वीरों से खुली पोल

जोधपुर (Rajasthan) । फलौदी जेल से सोमवार रात को फरार हुए 16 बंदियों की घटना में अब नया मोड आ गया है। पुलिस कर्मी फिल्मी कहानी सुनाते नजर आए हैं। हालांकि कुछ तस्वीरों से उनकी पोल खुल गई। बता दें कि मामले में घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। जिसमें 16 बंदियों एक-एक कर जेल से फरार होते दिखाई दे रहे हैं। उसके बाद भी सभी कुछ दूर खड़ी एक स्कॉर्पियों गाड़ी में बैठ निकल जाते हैं। वहीं, शुरूआती जांच में दोषी पाए जाने पर चार कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 7, 2021 1:29 PM IST / Updated: Apr 07 2021, 07:03 PM IST

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16 बंदियों के जेल से भागने के बाद सुनाई थी कुछ ऐसी फिल्मी कहानी,इन तस्वीरों से खुली पोल

..तो इसी तस्वीर से खुली पोल
घटना के तुरंत बाद सिपाही मदनपाल (वर्दी में) और राजेंद्र गोदारा (हरे टी शर्ट में) चोटिल महिला सिपाही के पास खड़े थे तब दोनों के कपड़े सही थे, लेकिन आधे घंटे बाद जब ये दोनों जब अफसरों को बयान दे रहे थे, तब इनके कपड़े फटे हुए थे। इन्होंने बंदियों के साथ धक्का-मुक्की होने की बात कही।
 

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पुलिस कर्मियों ने सुनाई थी ये कहानी
फलौदी जेल में कार्यरत महिला सुरक्षा प्रहरी की आंखों में मिर्ची और सब्जी डालकर फरार हुए बंदी कचहरी परिसर से निकलने के बाद सभी सड़क पर एक साथ भागे। कुछ दूरी पर ही एक स्कार्पियो गाड़ी उनका इंतजार कर रही थी। एक के बाद सभी बंदी उस स्कार्पियो में बैठ फरार हो गए।
 

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इस कारण भाग निकले थे बंदी
जेल डीजी राजीव दासोत ने चार जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया है। प्रारंभिक जांच में सभी प्रहरियों की मिलीभगत का अंदेशा सामने आया है। बताया जा रहा है कि घटना के समय जेल के मेन गेट का ताला खुला हुआ था और बंदी आसानी से भाग निकले।
 

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बेसिक नियमों की अनदेखी कर बरती गई लापरवाही
हर जेल में दो दरवाजे होते हैं, जेल के नियमों के अनुसार एक गेट खोलने पर दूसरे गेट का ताला लगा होना आवश्यक होता है। जिससे एक दरवाजे से यदि कोई भाग निकले तो दूसरे गेट से आगे नहीं जा पाए, लेकिन इस बेसिक नियम की अनदेखी कर लापरवाही बरती गई है। इसी वजह से 16 बंदी जेल से भागने सफल रहे। 
 

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सात दिन बाद कुर्क होगी फरार बंदियों की संपत्ति 
जेल डीजी राजीव दासोत ने कहा है कि अगर 7 दिन के अंदर कैदी समर्पण नहीं करते हैं तो फरार बंदियों की चल व अचल संपत्तियां कुर्क की जा सकती है।
 

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