बूंदी उत्सव का आगाज, 2 साल बाद दिखे लोक संस्कृति के रंग, तस्वीरों में देखें कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुतियां

बूंदी/जयपुर। राजस्थान (rajasthan) के गौरवशाली इतिहास और अनूठी स्थापत्य कला के लिए विख्यात बूंदी उत्सव (bundi utsav 2021) का सोमवार से आगाज हो गया है। ये उत्सव दो दिन तक चलेगा। मंगलवार को इसका समापन है। कोरोनाकाल के कारण सीमित समय के लिए इसका आयोजन रखा गया है। पहले दिन हाड़ौती के लोक कलाकार छाए रहे। उन्होंने अपनी बेहतरीन रंग-बिरंगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर इसे बेहद खास बना दिया। देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए अद्भुत चित्र शैली बड़ा आकर्षण का केंद्र बनी रही। तस्वीरों में देखिए बूंदी उत्सव की झलक और हरियाली के बीच अनूठी छटा...

Asianet News Hindi | Published : Nov 23, 2021 4:56 AM IST
19
बूंदी उत्सव का आगाज, 2 साल बाद दिखे लोक संस्कृति के रंग, तस्वीरों में देखें कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुतियां

कोटा से करीब 36 किमी दूर बूंदी शहर है। यहां आपको एक से एक ऐतिहासिक जगहें देखने को मिल जाएंगी। यहां की नदियां और झीलें भी पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं। मंगलवार को भी बूंदी उत्सव के तहत शहर में कई कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। इनमें देसी-विदेशी पर्यटक भी शामिल हो रहे हैं।

29

नवलसागर झील में दीपदान का कार्यक्रम रखा गया है। शहर को सजाने के लिए कलाकारों ने वॉल पेंटिंग की है, जो बेहद आकर्षित कर रही है। बूंदी उत्सव की अब तक की विकास यात्रा के चित्र भी प्रदर्शनी में लगाए गए हैं। ये प्रदर्शनी 23 नवंबर तक चलेगी। वरिष्ठ फोटोग्राफर शिवकुमार शर्मा कीक ओर से तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री का भी विमोचन किया गया। 
 

39

बूंदी में खेल संकुल प्रतियोगिताएं हुईं। इनमें स्थानीय नागरिक और पर्यटकों ने रोचक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और खेल का आनंद उठाया। इनमें प्रमुख आकर्षण पणिहारी दौड़ कबड्डी रस्साकशी खेलों का रहा। इन खेलों में बूंदी के युवाओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। विजेताओं को पुरस्कार दिए गए।

49

बूंदी के पर्यटन स्थलों पर सोमवार सुबह 9 बजे से शाम तक राजस्थानी लोक कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं। पहले दिन सोमवार को आर्ट गैलरी में फोटो और चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। बूंदी की फिजा में उत्सवी रंग घुले देखे गए। दो साल बाद बूंदी लोक कलाएं देखने के लिए लोग काफी खुश नजर आए। लोक कलाकारों ने गढ़ के द्वार पर लोक रंग बरसाए। 
 

59

कार्यक्रम में कच्ची घोड़ी, चकरी, भपंग वादन, मशक बैंड और सहरिया जनजाति के बहुरूपिया नृत्य ने मन मोह लिया। सुनील जांगिड़, युवराज सिंह, पंकज सिसोदिया, नंजी शर्मा, युक्ति शर्मा, रेहाना चिश्ती और अन्य कलाकारों ने अपनी-अपनी कृतियों का परिचय अतिथियों को दिया।
 

69

बूंदी उत्सव प्रदर्शनी में बूंदी ब्रश और अन्य कलाकारों ने बूंदी शैली, मॉडर्न आर्ट, पोट्रेट, स्केच लैंडस्केप, बूंदी के पुरातात्विक महत्व के स्थलों को प्रदर्शित किया गया। अन्य विषयों की चित्र कृतियां भी प्रदर्शित की गईं। सोमवार को हाड़ौती के चकरी नृत्य, तेजाजी गायन टोली का मंचन किया गया। इसमें आदिवासी लोक कलाकारों ने सबका मनमोह लिया।
 

79

कलेक्टर रेणु जयपाल ने आह्वान किया है कि बूंदी के नागरिक इस उत्सव की सभी गतिविधियों में हिस्सा लेकर उनका सौंदर्य बढ़ाएं। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से विभागों और संस्थाओं के सहयोग से उत्सव आयोजित किया जा रहा है। नवल सागर झील में महाआरती की गई। दीपदान में 7 हजार दीपक सजाए गए। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। 
 

89

हाड़ौती के प्रमुख सांस्कृतिक और पर्यटन महोत्सव बूंदी उत्सव का आगाज सुबह गढ़ गणेश पूजन के साथ हुआ। बूंदी की नगर परिषद सभापति मधु नुवाल ने उत्सव का शुभारंभ किया। 

99

कार्यक्रम सबसे पहले गढ़ गणेश का पूजन किया। इसके बाद ध्वजारोहण हुआ। कार्यक्रम में जिला प्रमुख चंद्रावती, जिला कलेक्टर कुमारी रेणु जयपाल, एडीएम एयू खान, अन्य अधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos