माता मंदिर में एक शिलालेख है जो काफी प्राचीन है। कहा जाता है कि इसे 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। मंदिर का निर्माण लाल पत्थरों से किया गया है। मंदिर की दीवारों पर प्राचीन काल की मूर्तियां उत्कीर्ण हैं। इन मूर्तियों में यक्ष, गंधर्व, किन्नर और देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। यह मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।