आखिरी शब्द याद कर गुमसुम है कर्नल की 7 साल की बेटी, अधूरा रह गया पापा का किया वो प्रॉमिस

जयपुर. अपने साथियों में टाइगर के नाम से फेमस कर्नल आशुतोष शर्मा कश्मीर के हंदवाड़ा में रविवार को शहीद हो गए। कर्नल अपने परिवार में सबसे ज्यादा करीब अपनी 7 साल की बेटी तमन्ना के करीब थे, शायद ऐसा कोई दिन नहीं था जब वह अपनी लाडली से फोन पर बात नहीं करते थे। शर्मा ने आखिरी बार 1 मई को बात की थी, जब उन्होंने बेटिया से कहा था-बेट मैं अभी एक ऑपरेशन में जा रहा हूं, जल्द ही लौटकर आपसे ढेर सारी बातें करूंगा। लेकिन, पापा का किया हुआ वो वादा अब अधूरा ही रह गया। मासूम अपने पापा के आखिर शब्दों को यादकर गुमसुम बैठी हुई है। वह किसी से कुछ नहीं कह रही है, बस आंखों में आंसू और पिता का प्यार याद आ रहा है।

Asianet News Hindi | Published : May 4, 2020 6:53 AM IST / Updated: May 04 2020, 02:35 PM IST

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आखिरी शब्द याद कर गुमसुम है कर्नल की 7 साल की बेटी, अधूरा रह गया पापा का किया वो प्रॉमिस

कर्नल आशुतोष शर्मा की बेटी के साथ यह आखिरी तस्वीर है, जिसमें वह जयपुर के एक रेस्टोंरेंट में बिटिया को पिज्जा खिलाने के लिए ले गए थे। पिता की गोद में बैठी मासूम कितनी खुश नजर आ रही है। लेकिन, अब यह सब यादें रह गईं।

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अफसर के एक साथी ने बताया कि सर हम लोगों से अक्सर अपनी बेटी के बारे में बात किया करते थे। जब कभी कोई नई मूवी आती तो उनको अपनी बेटी की याद आ जाती थी। कहते थे कि अगर जयपुर में होता तो तमन्ना इस फिल्म को देखने की जिद करती। उसके साथ रहकर पता नहीं चलता था कि छुट्टी कब निकल गई। बिटिया रोज घूमने का प्लान बना लेती थी।

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शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की बेटी तमन्ना जयपुर के जयश्री पेडीवाल स्कूल में छठीं क्लास में पढ़ती है। तमन्ना की आखिरी बार 1 मई को पापा से बात हुई थी। बेटी ने कहा- पापा ने यही वादा किया था कि मैं ऑपरेशन से वापस आकर तुमको फोन करूंगा।

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कर्नल का बेटी के प्रति लगाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो अपने साथियों से उसकी फरमाइशों और उसकी ख्वाहिशों को भी साझा करते थे। जैसे तमन्ना को शॉपिंग में क्या पसंद है। वह कौन सी मूवी देखने जाती है, और खाने में क्या पसंद है।

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शहीद की पत्नी पल्लवी ने भी हिम्मत दिखाते हुए कहा है कि पति की शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी। उनकी कुर्बानी मेरे और देश के लिए गर्व की बात है। मेरे आंसू उन्हें ठेस पहुंचाएंगे। कर्नल शर्मा की पत्नी ने कहा- मैं आखिरी बार आशुतोष से इसी साल 28 फरवरी को उधमपुर में मिली थी।

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आशुतोष शर्मा 21 राष्ट्रीय राइफल के कमांडिंग ऑफिसर थे। उनकी बहादुरी के चलते उन्हें दो बार आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने के लिए वीरता पुरस्कार भी मिल चुका है। कर्नल शर्मा मूलत: यूपी के बुलंदशहर के रहने वाले हैं। बड़े भाई पीयूष शर्मा की नौकरी जयपुर में लगने के बाद पूरा परिवार यहां आ गया।

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शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी शर्मा, उनकी बुजुर्ग मां और आशुतोष के बड़े भाई पीयूष शर्मा।
 

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शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा का पार्थिव देह सोमवार यानी आज शाम 5 बजे जयपुर पहुंचेगी। जहां उनको पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी की जाएगी।

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