मां के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया डॉक्टर, बोला- माफ करना, लोगों की जान बचानी है इसलिए नहीं आ सका

Published : Apr 07, 2020, 03:02 PM ISTUpdated : Apr 07, 2020, 03:51 PM IST

जयपुर. कोरोना के कहर से पूरी दुनिया जूझ रही है। ऐसे संकट के समय अगर कोई देवदूत बना है तो वो हमारे देश के डॉक्टर। जो अपने परिवार से से दूर रहकर दूसरों की जिंदगी बचाने में जुटे हैं। वह इस समय अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं। ऐसी एक कर्मवीर कहानी राजस्थान से सामने आई है। जहां एक डॉक्टर बेटा अपनी मां के निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन करने भी नहीं गया। वह कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे लोगों को बचाने में जुटा है।

PREV
14
मां के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया डॉक्टर, बोला- माफ करना, लोगों की जान बचानी है इसलिए नहीं आ सका
दरअसल, हम जिस कोरोना योद्धा की बात कर रहे हैं, वह हैं जयपुर के एसएमएस अस्पताल के आइसोलेशन के आईसीयू प्रभारी डॉक्टर राममूर्ति मीणा। जिनकी 93 वर्षीय मां भोलादेवी का निधन सोमवार के दिन करौली में हो गया। मगर देश के इस कर्मवीर ने अपने काम को चुना और कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे लोगों को बचाने के लिए मां के अंतिम दर्शन करने भी नहीं गया। ना ही अपनी मां का अंतिम संस्कार कर सका। आखिर में वीडियो कॉल के जरिए मां की अंतेष्टि के दौरान अंतिम दर्शन किए।
24
जानकारी के मुताबिक, राममूर्ति मीणा को जब मां के निधन की सूचना मिली तो वह मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसके बावजूद भी वह अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे और आंसुओं पोंछते हुए सेवा करते रहे।
34
डॉक्टरी मीणा ने मोबाइल पर मां से माफी मांगते हुए कहा-'मुझे माफ करना मां- कोरोना से लोगों की जान बचानी हैं, इसलिए आपकी चिता को मुखाग्नि नहीं दे सका'।
44
राममूर्ति मीणा मूल रूप से जिल करौली के राणोली गांव के रहने वाले हैं। इस समय उनकी पत्नी और बच्चे सभी गांव में हैं।

Recommended Stories