बाड़मेर/छतरपुर। ये दो तस्वीरें देसी जुगाड़ के जरिये हुए आविष्कार की गजब कहानी बयां करती हैं। कहते हैं कि जब कोई संकट या परेशानी सिर पर आती है, तब एक सजग आदमी का दिमाग और तेज चलता है। यानी उसके दिमाग की बत्ती जल उठती है। कोल्हू में बैल की जगह 'जुती' बाइक की पहली तस्वीर राजस्थान के बाड़मेर की है। जबकि दूसरी तस्वीर कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में सामने आई थी। आइए जानते हैं आखिर इन बाइकों के जरिए क्या महत्वपूर्ण काम हुआ। पहले जानते हैं बाड़मेर की खबर। आमतौर पर फसल जैसे तिली, सरसों आदि से तेल निकालने के लिए मशीनों का इस्तेमाल होता है। गांवों में जहां बिजली संकट है, वहां परंपरागत तरीके से कोल्हू में बैल लगाए जाते हैं। लेकिन यहां एक युवक ने बाइक को कोल्हू का बैल बना दिया। आगे पढ़िए दोनों जुगाड़ के बारे में...