ड्यूटी पर निकलते हैं मम्मी-पापा..तो घर में यूं बंद हो जाती है बच्ची..मुस्कराकर कहती है-मेरी फिक्र नहीं करना
भीलवाड़ा, राजस्थान. यह 7 साल की बच्ची एक हौसला है, उन लोगों के लिए..जो कोरोना से लड़ाई में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। इस बच्ची के मम्मी-पापा दोनों सरकारी सेवा में हैं। जब दोनों अपनी-अपनी ड्यूटी पर निकलते हैं, तो बच्ची घर में अकेली होती है। परिजन बाहर से ताला लगाकर चले जाते हैं। यह बच्ची दोनों से कहती है कि वे उसकी फिक्र न करें। यह बच्ची इन जैसे माता-पिता का संबल हैं,जो इस विकट परिस्थिति में देश सेवा कर रहे हैं। यह पूरी फैमिली कोरोना वॉरियर्स की भूमिका में है। बच्ची की मां पुलिस में है। वहीं, पिता मेडिकल डिपार्टमेंट में। यानी दोनों की ड्यूटी इस समय बहुत महत्वपूर्ण है। मां-बाप को अपनी बेटी पर गर्व है, जो उन्हें उनकी ड्यूटी शिद्दत से करने दे रही है। इस बच्ची का नाम है दिक्षिता राज सिंह। दिक्षिता के पिता दिलखुश जिला मुख्यालय स्थित महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय में कंपाडर हैं। वहीं, मां सरोज राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल है। यहां अभी कर्फ्यू लगा हुआ है।
तीसरी क्लास में पढ़ने वाली दिक्षिता पिछले 10 दिनों से ऐसे ही अपने घर में अकेली बंद रहती है। उसके परिवार में कुल तीन लोग ही हैं। अकेली होने के बावजूद दिक्षिता को खुशी है कि उसके मम्मी-पापा लोगों की मदद कर रहे हैं।
दिक्षिता की मां सरोज कहती हैं कि उनकी बेटी की रखवाली भगवान करेगा। लेकिन लोगों को उनकी जरूरत है।
यह फैमिली मीरा नगर में रहती है। दिक्षिता के पिता दिलखुश बताते हैं कि वे 10 दिनों से हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं। जब ड्यूटी खत्म होगी, तब उन्हें खुद घर में आइसोलेशन में रहना होगा।
कोरोना संक्रमण से जारी लड़ाई में पुलिस को कई माेर्चों पर एक साथ खड़े होना पड़ रहा है।
पुलिस और हेल्थ वर्कर्स को अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जिंदगी बचानी पड़ रही हैं।