पूर्व सांसद के घर टूटा दुखों का पहाड़ : बेटे के गम में पति-पत्नी ने 2 बेटियों के साथ लगाई फांसी

सीकर (राजस्थान). बेटे के खोने का गम माता-पिता जिंदगीभर नहीं भूल सकते। उसके जाने से सारी खुशियां चली जाती हैं। एक मर्मिक कहानी राजस्थान के सीकर से सामने आई है। जहां इकलौते बेटे की मौत के गम में पूरा परिवार डिप्रेशन में आ गया था। सभी का दिल टूट गया। आखिर में पति-पत्नी ने अपनी 2 बेटियों के साथ फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मरने से पहले शख्स ने एक इमोशनल सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें लिखा है- हम अपने बेटे के बिना जी नहीं पाएंगे, उसको कभी नहीं भुला सकते, इसलिए दुनिया छोड़कर जा रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2021 8:30 AM IST / Updated: Feb 22 2021, 02:31 PM IST

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पूर्व सांसद के घर टूटा दुखों का पहाड़ : बेटे के गम में पति-पत्नी ने 2 बेटियों के साथ लगाई फांसी

दरअसल, यह घटना रविवार रात को सीकर के पुरोहित जी ढाणी इलाके में घटी। 48 साल के हनुमान प्रसाद सैनी ने पत्नी (45 साल) तारा, 2 बेटियों पूजा और अन्नू के साथ कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बता दें कि मृतक हनुमान प्रसाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दिवंगत मदनलाल सैनी के भतीजे थे। 27 सितंबर को उनके 18 साल के इकलौते बेटे अमर की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।

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हनुमान प्रसाद सरकारी स्कूल में फोर्थ क्लास कर्मचारी थे। पत्नी हाउस वाइफ थीं। जबकि बड़ी बेटी (24 साल) पूजा MSc और 22 साल की छोटी बेटी चीकू BSc कर रही थी। वह बेटे के जाने के बाद इतना टूट गए थे कि सिर्फ ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकलते थे। जबकि पत्नी और दोनों बेटियां घर के अंदर ही रहती थीं। काफी दिनों से वह आस पड़ोस में किसी से कोई बात नहीं कर रहे थे। (हनुमान प्रसाद की पत्नी तारा)

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बता दें रविवार शाम को मृतक परिवार के घर दूधवाला दूध देने पहुंचा। दरवाजा बंद मिला। उसने काफी देर तक गेट खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई हलचल नहीं हुई। जब उसने हनुमान का मोबाइल लगाया तो वह भी रिसीव नहीं हुआ, जबकि घंटी जाती रही। इसके बाद उसने हनुमान के भाई घनश्याम को कॉल करके मौके पर बुलाया। फिर दरवाजा तोड़ा गया तो पूरा परिवार फांसी के फंदे पर लटक रहा था।

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मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा- मैं हनुमान प्रासद, पत्नी तारा देवी, 2 बेटियां पूजा और अन्नू अपने पूरे होश में अपनी जिंदगी से दुखी होकर यह दुनिया छोड़कर जा रहे हैं। हमारे बेटे अमर का 27 सितंबर 2020 निधन हो गया था। हमने उसको बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह नहीं बच सका। जब वही हमको छोड़कर चला गया तो अब हम यहां रहकर क्या करेंगे। उसके बिना किसी काम में मन नहीं लगता है। घर में किसी बात की कोई परेशानी नहीं है। हमारे पास बेटे के अलावा सब कुछ है। सरकारी नौकरी है, दुकान है, मकान है। ना तो किसी का कोई कर्ज है और ना ही और कोई परेशानी है। लेकिन हमारा अपना बेटा नहीं है। उसके बिना सब बेकार है। इसलिए हम चारों ने अपना जीवन लीला खत्म करने जा रहे हैं। पुलिस से निवेदन है कि हमारे परिवार के किसी सदस्य को परेशान ना किया। (फोटो में - हनुमान प्रसाद सैनी का बेटा अमर)

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हनुमान ने अपनी अंतिम इच्छा भी लिखी। छोटे भाई सुरेश के लिए लिखा- भाई हम सब का अंतिम संस्कार परिवार की तरह ही करना। कबीर पंथ की तरह मत करना। सब कुछ अपने रीति रिवाज के अनुसार होना चाहिए। अमर का कड़ा और उसके बालों को गंगा में बहा देना। अमर के फोटो के पास सब समाना रखा हुआ है देख लेना। मेरे ऊपर किसी का कोई कर्जा नहीं है, जिसे दिया जाए।

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बता दें कि मृतक परिवार जिस तरह से सामूहिक आत्महत्या का कदम उठाया है उसे जानकर लग रहा है कि वह काफी दिनों से इसकी तैयारी कर रहे थे। हनुमान ने 4 दिन पहले ही मिस्त्री बुलाकर कमरे में लोहे के गर्डर लगवाये थे। बताया जाता है कि साथ में एक रस्सी भी लगवाई थी। रविवार शाम इसी रस्सी और लोहे के गर्डर पर लटककर परिवार ने एक साथ जान दे दी। वह अपने छोटे भाई से कहते रहते थे कि अब जिंदगी से कोई प्यार नहीं बचा है।

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पति-पत्नी और दोनों बेटियों के सुसाइड की खबर लगने के बाद आस-पड़ोस के लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। हर किसी की जुबां से सिर्फ यही निकल रहा था कि इतना बड़ा कदम क्यूं उठा लिया।

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सामूहिक आत्महत्या का पता चलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस प्रशासन के आला अफसर फौरन मौके पर पहुंचे।

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