बूढ़ी दादी के सामने 4 पोता पोती की दर्दनाक मौत, अंतिम समय मां-बाप भी ना देख सके बच्चों का चेहरा
जयपुर. राजस्थान में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक झोपड़ी में आग लगने से एक साथ 4 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। जब तक आग बुझती, तब तक चार मासूम दम तोड़ चुके थे। घटना के समय परिवार के सभी लोग खेत में फसल काटने गए थे। घर में सिर्फ एक 80 साल की बुजुर्ग दादी थी, जो अंदर पलंग पर लेटी हुई थीं। बताया जाता है कि वह चलने-फिरने में असमर्थ हैं। इसलिए वह चीखने-चिल्लाने के अलावा और कुछ नहीं कर सकीं। बता दें, यह दर्दनाक हादसा मगंलवार दोपहर चूरू जिले के सरदारशहर थाना क्षेत्र में ढाणी गांव में हुआ।
Asianet News Hindi | Published : Mar 18, 2020 12:19 PM / Updated: Mar 18 2020, 01:45 PM IST
इस भायनक हादसे में मारे गए चारों बच्चे एक ही परिवार के थे। जिसमें दो लड़कियां और दो लड़के शामिल हैं। मारने वालों में दो सगे भाई, जबिक एक चचेरी बहन व एक बुआ की बेटी है। परिजनों के मुताबिक, इन मासूमों की उम्र 3 से 6 साल है।
हादसे की खबर लगते ही परिजन खेत से दौड़े-दौड़े घर की तरफ भागे। लेकिन, उनके बच्चे राख के ढेर में तब्दील हो चुके थे। मासूमों के शव देखते ही वह बेसुध हो गए।
पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। जिसी किसी ने भी इस हादसे के बारे में सुना वह भागता हुआ घटना स्थल पर पहंचा।
थानाधिकारी महेन्द्र शर्मा ने बताया, मृतकों के शव परिजनों को सौंप दिए। जानकारी के मुतबाकि, मृतक बच्चों की पहचान अजय (5), देवाराम (3), मनीषा (4) और शिवानी (3) के रूप में हुई। घटना की जानकारी लगते ही जिला कलेक्टर संदेश नायक और पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया और परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
बच्चों के शव के साथ लिपटकर रोते हुए परिजन।
वह चीखते हुए यही कह रहे हैं कि हम चारों को खेलते हुए छोड़कर गए थे। नहीं पता था कि घर लौटने से पहले ऐसा हो जाएगा।
एसएचओ शर्मा ने बताया, बच्चों ने खेल-खेल में माचिस की तीली जला ली होगी, जिससे आग लग गई। बच्चे बहुत छोटे थे, इसलिए वो बाहर नहीं निकल पाए।
दर्दनाक हादसे की खबर लगते ही राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट कर बच्चों की मौत पर गहरा दुख जताया। कहा-सरकार पूरी तरह से शोकाकुल परिवार के साथ है। चारों बच्चों की मृत्यु होना अत्यंत दुखद है।