इस हादसे ने सबसे ज्यादा गहरा जख्म और दर्द भगतपुरा गांव के बुर्जुग मीटा के परिवार को दिया है, जिसके पांच सदस्य एक साथ यह दुनिया छोड़ गए। जब बेटा-बहू बेटी और पोती की एक साथ अर्थी निकली तो पूरे गांव का मंजर ही बदल गया, हर आंख नम थी। पांचो शवों का अंतिम संस्कार जब एक ही चिता पर किया गया, गांव वाले बोले- हे भगवान ऐसा भयानक पल और किसी की जिंदगी में ना देखना पड़े। हमने अपनी पूरी जिंदगी में ऐसा भयानक सीन नहीं देखा।