एक साथ उठीं 9 अर्थियां, बेटा-बहू और बेटियां एक ही चिता पर जले..लोग बोले-ऐसा भयावह मंजर पहली बार देखा

बांसवाड़ा (राजस्थान). मंगलवार रात गुजरात के सूरत हादसे में 15 लोगों की जिंदगियां खत्म हो गईं। जिसमें 13 तो बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र के रहने वाले थे। इस हादसे में कई परिवार तबाह हो गए, किसी ने पिता को खो दिया तो किसी की मां की मौत हो गई। भगतपुरा गांव में जहां एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई तो वहीं गराड़खोरा गांव में 4 लोग जना गंवा बैठे। बुधवार दोपहर में जब इन 9 लोगों की अर्थियां निकली तों दोनों गांव में मातम पसर गया। गांव के लोगों का आंसू नहीं थम रहे थे। हर तरफ सिर्फ चीख पुकार और आंसू दिखाई दे रहे थे।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2021 11:32 AM IST / Updated: Jan 20 2021, 05:05 PM IST
16
एक साथ उठीं 9 अर्थियां, बेटा-बहू और बेटियां एक ही चिता पर जले..लोग बोले-ऐसा भयावह मंजर पहली बार देखा


इस हादसे ने सबसे ज्यादा गहरा जख्म और दर्द भगतपुरा गांव के बुर्जुग मीटा के परिवार को दिया है, जिसके पांच सदस्य एक साथ यह दुनिया छोड़ गए। जब बेटा-बहू बेटी और पोती की एक साथ अर्थी निकली तो पूरे गांव का  मंजर ही बदल गया, हर आंख नम थी। पांचो शवों का अंतिम संस्कार जब एक ही चिता पर किया गया, गांव वाले बोले- हे भगवान ऐसा भयानक पल और किसी की जिंदगी में ना देखना पड़े। हमने अपनी पूरी जिंदगी में ऐसा भयानक सीन नहीं देखा।
 

26


दरअसल बुजुर्ग केला के घर मंगलवार शाम जब उसके बेटे मुकेश, बहू लीला 6 साल की पोती तेजल और दो बेटियों मनीषा और वनीता का शव गांव पहुंचा तो कोहरम मच गया। मां मीटा अपने बेटे और बेटी का चेहरा देखकर बिलख रही थी। कहती कल ही तो उससे बात हुई थी और अब ये क्या हो गया। इस घटना के बाद से पूरा गांव शोक में डूबा गया, हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था। आलम यह था कि एक दिन पहले शाम को जब शव पहुंचे तो यहां किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला।   

36


मुकेश के छोटो भाई मनीष ने बताया कि भाई से आखिरी बार एक दिन पहले रविवार की शाम 7 बजे बात हुई थी। जहां उन्होने कहा था कि यहां कोई खास काम धंधा नहीं मिल रहा है, किसी तरह बस गुजारा हो पा रहा है। जल्दी ही हम लोग घर आने वाले हैं। लेकिन एक दिन बाद ही उनके मरने की खबर मिली। बता दें कि मुकेश के परिवार में अब माता-पिता और भाई के अलावा एक छोटी बच्ची बची हुई है।

46


वहीं गराड़खोरा गांव में जिन चार लोगों की मौत हुई, वह आपस में सभी रिश्तेदार थे।  यहां के रहने वाले दिलीप और उसकी पत्नी संगीता दोनों मज़दूरी के लिए सूरत गए थे। घर पर मां कमला और भाई बापू लाल रहते थे। साथ ही उसके रिश्तेदार राकेश भी इसी हादसे में मारा गया जिसका आज अंतिम संस्कार किया गया। दोनों के घर मातम पसरा हुआ  है।

56


मृतक मुकेश के घर भगतपुरा में दिलासा देने वालों की भीड़ लग रही है। जहां मातम की चीखें सुनाई दे रही हैं, जो बूढ़े मां-बाप अपने जवान बेटे-बहू-बेटी और पोता-पोती  के जाने से बिलख रहे हैं। उन्होंने जिस बेटे को दो वक्त की रोटी कमाने के लिए भेजा था, अब वहीं बेटा इस दुनिया को छोड़कर चला गया। माता-पिता कहते हैं कि हम किसके सहारे जिएंगे।
 

66


बता दें कि भगतपुरा गांव के रहने वाला मुकेश 20 दिन पहले परिवार के साथ मजदूरी के लिए सूरत गया था। यहां वह अपनी पत्नी के सात दिन में दिहाड़ी करके रात को फुटपाथ पर अपना आशियाना बनाकर सो जाता था, लेकिन यही आशियाना उसकी मौत की वजह बन गया। काल बनकर आया एक ट्रक उसके साथ साथ उसकी पत्नी लीला (25), बहन मनीषा (18), वनीता (12) और एक बच्ची को भी उड़ाकर ले गया। पांचों के शव एक-दूसरे के पास खून से लथपथ हालत में पड़े थे। यह दर्दनाक सीन देखने वालों का भी दिल दहल गया।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos