पढ़ाई पूरी करने के बाद नींबू को बाल विवाह स्वीकार करने को मजबूर किया गया। लेकिन, वो खुद ही बाल विवाह के बंधन में नहीं रहना चाहती थी। ऐसे में नींबू सारथी ट्रस्ट की डॉ कृति भारती के संपर्क में आ गई। जिसके बाद जोधपुर परिवारिक न्यायालय में वाद दायर किया।
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