जोधपुर (Rajasthan) । दो साल की ही उम्र में ही बाल विवाह के बंधन में बधीं एक लड़की को 18 साल बाद मुक्ति मिली है। यह सब फिल्मी अंदाज में सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक की डॉक्टर कृति की बदौलत हुआ है, जिनके संपर्क में आई नींबू नाम की लड़की ने कोर्ट का दरवाजा घटखटाया। इतना ही नहीं तमाम उठा पटक के बीत डेढ़ साल केस लड़ा, फिर जाकर एक दिन पहले उसे जीत मिली है। पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश महेंद्र कुमार सिंघल ने नींबू के बाल विवाह को निरस्त करने के आदेश दिया। यह मामला जोधपुर जिले के चिमाणा गांव का है।