जयपुर (राजस्थान). आज यानि 21 जून को पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जाता है। शरीर को निरोग रखने में योग का महत्वपूर्ण योगदान है और ये भारत ने ही पूरी दुनिया को बता दिया है। जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी स जुझ रही है तो योग ही इस बीच उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। योग पर लोगों का विश्वास दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। देश के कई युवा योगा में अपना करियर बना रहे हैं। पहले इस साधु-संत और संन्यासियों को करते देखा जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है, आम लोगों में इसके प्रति तेजी से रुचि बढ़ी है। योग का किसी के जीवन में कितना महत्व हो सकता है। इस बात का अंदाजा इंजीनियरिंग कर चुकी राजस्थान की एक बेटी के जीवन से लगाया जा सकता है।
दरअसल, यह कहानी राजस्थान के सिरोही की रहने वाली पल गहलोत की है। जिन्होंने इंजीनियर की पढ़ाई करने के बाद योग को अपना करियर बनाया है। उन्होंने महीने एक मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों रुपए की नौकरी भी की। लेकिन उनका मन नहीं भरा, क्योंकि वह योग में अपना करियर बनाना चाहती थीं।
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बताया जाता है कि पल पढ़ लिखकर इंजीनियर तो बन गईं, लेकिन नौकरी और जिंदगी की भागदौड़ में वो डिप्रेशन का शिकार हो गईं। इसके बाद उन्होंने तनाव से उवरने के लिए योग सीखने का मन बना लिया। जिसके लिए वह ऋषिकेश गईं और यहां की विन्यास योग एकेडमी में योग की शिक्षा ली।
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देखते ही देखते पल गहलोत योग टीचर बन गईं और अब वहअंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग के माध्यम से अपनी ख्याति बना चुकी है। जो विन्यासा योग एकेडमी के माध्यम से देश और दुनिया के लोगों को योग की शिक्षा दे रही है। आज पल की पहचान एक कुशल योग शिक्षिका के रूप में होती है। पल के इस फैसले से उनके माता पिता और दोस्त सभी खुश हैं। उनका कहना है कि वह इंजीनियर बनकर जो नहीं कर सकती थी, उसने एक योगा टीचर के रुप में कर लिया।
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बता दें कि सिरोही की पल गहलोत के पास अमेरिका, इटली, स्पेन, फ्रांस, मैक्सिको, चीन, अर्जेंटीना, स्विजरलैंड व जर्मनी सहित 26 देशों के छात्र योग की शिक्षा ले रहे हैं । इन दिनों कोरोना संक्रमण के कारण पल गहलोत ऑनलाइन योग की शिक्षा दे रही है।
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कोरोना की महामारी को दूर करने के लिए वह लोगों से कहती हैं, कि अगर आप लोग नियम से रोज योगा करेंगे तो यह बीमारी आपको छू भी नहीं पाएगी। कई संक्रमित मरीज इन दिनों उनसे ठीक होने के लिए योगा की टिप्स ले रहे हैं। वह जिस तरह से लोगों को योग सिखाती हैं उनके इस हुनर का हर कोई दीवाना है।
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पल गहलोत सिरोही के रहने वाले दशरथ सिंह गहलोत व दक्षा गहलोत की बेटी हैं। जिनका जन्म 28 अगस्त 1995 को हुआ था। पल की एक छोटी बहन जान्हवी है। पल ने सिरोही के आदर्श विद्या मंदिर स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। फिर जोधपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया। जहां चार साल का कोर्स पूरा करने के बाद 2017 में इलेक्ट्रोनिक्स और कम्यूनिकेशन में इंजीनियर की डिग्री लेक