राजस्थान की IPS बेटी ने पेश की मानवता कि ऐसी मिसाल, लोगों ने कहा हमे गर्व है अपनी अफसर बिटिया पर

सीकर (राजस्थान). कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पूरे देश में जारी लॉकडाउन 5.0 के बीच पुलिस को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ पुलिसकर्मी भूखे-प्यासे गरीब बेसहारा को खाना खिला रहे हैं। ऐसी ही मिसाल पेश की है, गुजरात कैडर की IPS सरोज कुमारी ने, जिनकी 'पुलिस रसोई' को खूब सराहा जा रहा है। पूरे देश को इनके इस नेक काम पर गर्व है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 11, 2020 5:29 AM IST / Updated: Jun 11 2020, 11:01 AM IST
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राजस्थान की IPS बेटी  ने पेश की मानवता कि ऐसी मिसाल, लोगों ने कहा हमे गर्व है अपनी अफसर बिटिया पर

दरअसल, वडोदरा में तैनात आईपीएस सरोज कुमारी करीब 1200 लोगों के लिए खाना बना रहीं हैं। वह पहले 12 घंटे ड्यूटी करती हैं, इसके बाद अपनी पुलिस रसोई में डेली पूड़ियां बेलती और सेंकती नजर आती हैं। उनके साथ करीब 50 महिला पुलिसकर्मी इस काम में मदद करती हैं।
 

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आईपीएस सरोज कुमारी कहना है कि जब 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा हुई तो मैंने देखा हजारों गरीब भूखे-प्यासे भटक रहे थे। फिर मैंने अपनी महिला पुलिसकर्मियों से कहा कि क्यों हम ड्यूटी के बाद इनके लिए खाना बनाकर तैयर कर सकते हैं। तो उन सबने इस नेक काम में मेरी मदद की और फिर इस तरह शुरू हुई 'पुलिस रसोई' अब तक चल रही है।
 

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बता दें कि आईपीएस सरोज कुमारी राजस्थान के झुंझुनू जिले की चिड़ावा तहसील के छोटे से गांव गांव बुडानिया की रहने वाली हैं। वह गांव में पली-बढ़ी और सरकारी स्कूल में पढ़ाई करके आईपीएस बनकर मिसाल पेश की और अब ड्यूटी निभाते हुए देश लिए अपना फर्ज निभा रही हैं।

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आईपीएस सरोज कुमारी के इस काम की उनके जिले झुंझुनू में भी खूब तारीफ हो रही है। गांव के उप प्रधान उनके भाई रणधीर सिंह ने बताया कि उनकी बहन की पहल पूरे देश में तारीफ हो रही है। मुझे अपनी बहन पर गर्व है, जब कोई मुझे मिलता है तो वह कहते हैं कि आपकी बहन जो काम कर रही हैं उसको हम सलाम करते हैं।

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पिछले साल उन्होंने गुजरात की लड़कियों की सुरक्षा के लिए 'समझ स्पर्श' अभियान की शुरूआत की थी। जिसके लिए आईपीएस सरोज कुमारी को वूमन आईकॉन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें वह महिलाओं और बच्चियों के लिए यौन उत्पीड़न के बारे में जागरूक करती थीं।

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आईपीएस सरोज कुमारी के इस काम की उनके जिले झुंझुनू में भी खूब तारीफ हो रही है। गांव के उप प्रधान उनके भाई रणधीर सिंह ने बताया कि उनकी बहन की पहल पूरे देश में तारीफ हो रही है। मुझे अपनी बहन पर गर्व है, जब कोई मुझे मिलता है तो वह कहते हैं कि आपकी बहन जो काम कर रही हैं उसको हम सलाम करते हैं।

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शुरुआत में एसपी सरोज कुमारी की छवि तब लेडी सिंघम की बनी थी। बोटाद एसपी रहते हुए न केवल सेक्स वर्कर्स की जिंदगी संवारी बल्कि जिले में फिरौती व वसूली करने वाले कई गिरोह को सलाखों के पीछे भी पहुंचाया था।

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सरोज कुमारी वर्ष 2011 कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। वह ग्रैजुएशन के लिए जयपुर आईं। वहां पोस्ट ग्रैजुएशन और फिर चुरू के सरकारी कॉलेज से एमफिल किया। 2010 में यूपीएससी की परीक्षा दी। सरोज सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी और वर्तमान राज्यपाल किरण बेदी से हमेशा प्रभावित रही हैं। 

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गुजरात में बेटी बचाओ के लिए मैराथन में भाग लेती हुईं आईपीएस सरोज कुमारी।

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