सूरत, गुजरात. बॉर्डर लाइन पर्सनॉलिटी डिसआर्डर(BPD) के चलते लंबे समय से डिप्रेशन में चल रही एक युवती ने पिछले दिनों फांसी लगा ली थी। इससे पहले भी वो सुसाइड की कोशिश कर चुकी थी। मरने से पहले युवती ने एक वीडियो बनाया और उसे फेसबुक पर अपलोड किया था। इसमें सिविल अस्पताल की डॉक्टर संजीवनी पाणिग्राही का जिक्र किया। युवती कहते सुनी गई कि डॉ. संजीवनी उसे बचा सकती थीं, अगर वो उसका फोन उठा लेतीं। युवती ने अब तक डॉक्टर द्वारा की गई मदद के लिए उनका धन्यवाद भी कहा। युवती ने पंखे से अपने दुपट्टे को फंदा बनाया था। युवती पांडेसरा के सुखी नगर में रहती थी। डॉक्टर के मुताबिक, इस डिसऑर्डर में अकसर मरीज को मरने का विचार आता है। डॉ. पाणिग्राही ने बताया कि युवती का इलाज चल रहा था। वो सुशांत सिंह की मौत के बाद से ज्यादा परेशान हो गई थी। उसे लगता था कि वो जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएगी। वो दुनिया की सबसे नकारा लड़की है। बता दें कि इस डिसऑर्डर से 90 प्रतिशत महिलाएं ही पीड़ित होती हैं। इसमें पीड़ितों की 4-9 प्रतिशत तक मौत सुसाइड में होती है। आगे पढ़ें अहमदाबाद और पुणे में पिछले दिनों हुईं आत्महत्याओं के चौंकाने वाले मामले..