मां की यह बाद दोनों बेटों के दिल को छू गई, उन्होंने इस बात का जिक्र अपने पड़ोंसियों से भी किया। तो लोगों का कहना था कि पता नहीं उनको कुछ अंदेशा हो, इसलिए अपनी इच्छा जाहिर की होगी। फिर क्या था दोनों भाइयों ने मूर्ति बनवाने का आर्डर दे दिया और तैयारियां शुरू कर दीं।