6 दिन बाद मिला इस जबांज कमांडो का शव, खोज में जुटे थे आर्मी-नेवी और एयरफोर्स के स्पेशल सैंकड़ों जवान


जोधपुर (राजस्थान). आखिरकार कमांडो कैप्टन अंकित गुप्ता का शव मंगलवार दोपहर को जोधपुर की कायलाना झील में मिल गया। हादसे के 6 दिन बाद सेना के सैंकड़ों जवान खोजने में कामयाब हुए। कमांडो की तलाश के लिए सेना ने देशभर से अपने आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के करीब 200 से ज्यादा सैनिक लगाए हुए थे। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 12, 2021 1:04 PM IST / Updated: Jan 12 2021, 06:38 PM IST
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6 दिन बाद मिला इस जबांज कमांडो का शव, खोज में जुटे थे आर्मी-नेवी और एयरफोर्स के स्पेशल सैंकड़ों जवान


बता दें कि भारतीय सेना 10 पैरा कमांडो 7 जनवरी को अपने नियमित युद्धाभ्यास के दौरान झील के ऊपर अभ्यास कर रहे थे, इसी दौरान वह हादसे के शिकार हो गए। जहां कैप्टन अंकित समेत 5 कमांडो हेलिकॉप्टर से कायलाना झील में कूदे थे। जिसमें से 4 कमांडो वापस आ गए थे, लेकिन अंकित गप्ता का कहीं पता नहीं चला था। उसके बाद सेना ने तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया था।

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कमांडो कैप्टन अंकित गुप्ता का शव  तखतसागर की गहराई में पत्थरों के बीच फंसा हुआ था। सेना ने देशभर से अपने विशेषज्ञों को बुलाया था, जहां सेना ने दिल्ली मुख्यालय से रविवार को नेवी के 8 मार्कोस कमांडो को सर्च ऑपरेशन चलाने के लिए जोधपुर भेजे थे। इसके अलावा जवानों के साथ एनडीआरएफ की टीम और गोताखोर भी इस ऑपरेशन में जुटे हुए थे।

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 बता दें कि गुरुग्राम के रहने वाले 28 वर्षीय कैप्टन अंकित की शादी 23 नवम्बर को हुई थी। अंकित में सेना के प्रति इतना जज्बा था कि वह शादी होने के कुछ दिन ही वे अपनी ट्रैनिंग पूरी करने जोधपुर आ गए। कमांडो ने अपने एक दोस्त को बताया था कि अब शादी तो हो गई है, लेकिन देश की सेवा पहले है, इसलिए पत्नी के साथ  तो बाद में वक्त बिता लूंगा। लेकिन उससे पहले ही यह दर्दनाक हादसा हो गया।

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सोशल मीडिया पर कैप्टन अंकित के दोस्त व रिश्तेदार उन्हें जांबाज बताते हुए नम आंखों से याद कर इमोशनल पोस्ट लिख रहे हैं। रिश्ते में अंकित के भाई दीपक अग्रवाल ने लिखा है- भाई से 10 दिसम्बर को आखिरी बार बात हुई थी। जहां उसने विवाह के बंधन में बंधे अंकित ने दिल खोलकर आने वाली 25 साल की योजनाओं के बारे में बताया था, लेकिन किसे पता था कि यह सपने उसके जल्द ही टूटने वाले हैं। वह हमको इस तरह छोड़कर चला जाएगा सोछा नहीं था। अंकित के जज्बे को सलाम करता हूं, तुम सदा हमारे दिल में रहोगे...।

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कैप्टन के दोस्तों और सेना के साथी जवानों का कहना है कि अंकित को पानी से बेहद लगाव था। वह जब भी आसपास कोई नदी देखता तो उसमें तैरने के लिए छलांग लगा देता था। आज यही पानी उसकी मौत की वजह बना। यह कैसा संयोग है कि  जिससे ज्यादा लगाव रखा वही उसे ले गया।

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