इन्हें नहीं लुभा सकी दुनिया की मोह-माया, धन-दौलत छोड़ बनीं साध्वी..2150 पैदल चल लिया अनूठा संकल्प

बठिंडा/जयपुर. भागमभाग वाली दुनिया में हर कोई पैसा कमाना चाहता है। हर शख्स धन-दौलत वाली जिंदगी जीने के लिए दिन-रात एक कर देता है। लेकिन कुछ ऐसी भी लोग हैं जिन्हें इस लोभ-मोह वाली दुनिया से कोई मतलब नहीं है। ऐसी ही कहानी है पंजाब के भटिंडा की रहने वाली 25 साल की नेहा जैन की जिन्होंने अपना जीवन अध्यात्म के लिए समर्पित कर दिया। अब वह दीक्षा लेकर नेहा से साध्वी शुभांगी बन गई हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 24, 2021 4:39 AM IST

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इन्हें नहीं लुभा सकी दुनिया की  मोह-माया, धन-दौलत छोड़ बनीं साध्वी..2150 पैदल चल लिया अनूठा संकल्प

दरअसल, जयपुर के ज्योति नगर सोमवार को में दीक्षा महोत्सव का आयोजन रखा गया था। जहां 25 साल की नेहा ने जैन मुनियों से दीक्षा ले ली। इस मौके पर नेह के परिजन और जैन मुनि मौजूद थे। अब पूरी दुनिया उन्हें साध्वी शुभांगी के रूप में जानेगी।

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बता दें कि नेहा का जन्म 1996 में बठिंडा में हुआ है। बचपन से उनकी रुचि अध्यात्म जीवन की तरफ थी। रिश्तेदारों के कहने और परिवार के दबाव के बाद भी उन्होंने शादी नहीं की और संत मार्ग पर चलने का संकल्प किया।

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वैसे तो नेहा साल  2019 से ही वैराग्य अपना लिया था। इस दौरान वह 2150 किमी पैदल विहार कर चुकी हैं। अब कहीं जाकर दो साल बाद जैन साध्वी बनीं हैं।

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नेहा से शुभांगी साध्वी बनने वाली साध्वी ने श्रमण संघीय आचार्य डॉक्टर शिव मुनि महाराज साहब के सानिध्य में दीक्षा ग्रहण ली। इस अवसर पर काफी संख्या में जैन मुनि आए हुए थे।
 

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