यहां नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन: सूनी है भाइयों की कलाई..एक क्रूर ने राखी के दिन बिछा दी थीं कई लाशें

पाली (राजस्थान). आज पूरे देश में भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार में धूमधाम से मनाया जा रहा है। जहां बहने अपने भाइयों की कलाई पर रेशम का धागा यानि राखी बांध रही हैं। तो वहीं भाई तोहफे साथ उनकी रक्षा करने का वचन दे रहे हैं। लेकिन राजस्थान में एक गांव ऐसा भी है, जहां  राखी के पर्व को नहीं मनाया जाता है। वह लोग इस दिन को काला दिवस के रूप में मानते हैं। पूरे गांव में खुशियों की जगह सन्नाटा पसरा रहता है। आइए जानते हैं आखिर क्या है इसके पीछे की वजह...

Asianet News Hindi | Published : Aug 22, 2021 8:28 AM IST / Updated: Aug 22 2021, 02:00 PM IST
15
यहां नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन: सूनी है भाइयों की कलाई..एक क्रूर ने राखी के दिन बिछा दी थीं कई लाशें

दरअसल, यह गांव राजस्थान का पाली गांव है। जहां र पालीवाल समाज के लोग रहते हैं। वह रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने के पाप समझते हैं। सभी की कलाई सूनी रहती है। ना तो वह राखी बंधवाते हैं और ना ही उनकी बहुएं अपने मायके राखी बांधने जाती हैं।
 

25

बताया जाता है कि बताया जाता है कि 1230 ई. यानी करीब 800 साल पहले इस गांव पर राखी वाले दिन मोहम्मद गौरी ने हमला बोला था। जहां उसने हजारों की संख्या में औरतों, बच्चों और बुजुर्गों को मौत के घाट उतार दिया था।
 

35

गौरी ने इतनी क्रूरता दिखाई थी कि हाथी के पैरों तले लोगों को कुचलवा दिया था। जो बहने इस दिन अपने भाई के लिए राखी बांधने वाली थीं उसके सामने उसकी लाश पड़ी हुई थी। 

45

रक्षाबंधन वाले इस त्यौहार के दिन ऐसा कोई घर नहीं था जब उस दिन वहां पर मौत की चीखें नहीं सुनाई दी थीं। इस घटना के बाद से वहां के लोगों ने फैसाल किया था कि वह कभी भी इस त्यौहार को नहीं मनाएंगे।

55

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला के भीकमपुर जगत पुरवा गांव में रक्षा बंधन  त्योहार नहीं मनाया जाता है। गांव के लोगों का मानना है कि अगर उन्होंने राखी बंधवाई तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। करीब 65 साल से अजीबोगरीब घटनाओं के चलते भाईयों की कलाई सूनी रहती है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos