राजस्‍थान के सियासी घटनाक्रम की 10 खास बातें, पायलट की विदाई के बाद गहलोत ऐसे बचाएंगे अपनी कुर्सी..

Published : Jul 14, 2020, 04:56 PM ISTUpdated : Jul 14, 2020, 05:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान में सियासी घमासान जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार अब खुलकर सामने आ चुकी है। आज जब कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई तो पायलट को भी आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने बागी हुए सचिन पायलट और उनके मंत्रियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें उप मुख्यमंत्री और मंत्री पदों से हटा दिया गया है। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा से मंत्री पद छीन लिए गए हैं।

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राजस्‍थान के सियासी घटनाक्रम की 10 खास बातें, पायलट की विदाई के बाद गहलोत ऐसे बचाएंगे अपनी कुर्सी..

1. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब अपनी सरकार और सीट बचाने की प्लानिंग में लग गए हैं। इसके लिए आज उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात भी की। वह राज्यपाल के समक्ष सरकार की स्थिति स्पष्ट करके लौटे। इसके बाद उन्होंने बाद कहा है कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। हमने बीजेपी की चाल को पूरा नहीं होने दिया। गहलोत ने कहा- पिछले 6 महीने से भारतीय जनता पार्टी सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। लेकिन हमने उनके इस षड़यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया। हलांकि हमारे कुछ साथी गुमराह होकर हमको छोड़कर चले गए हैं। आज लोकतंत्र खतरे में है, पैसों की दम पर विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही  है। भाजपा इसके लिए फाइव स्टार  रिजॉट बुक कर रही है। लेकिन हम अब राजस्थान में मध्य प्रदेश जैसा हाल नहीं होने देंगे। अब यह चर्चाएं भी चल रहीं है कि मुख्यमंत्री कांग्रेस विधायकों की परेड करवा सकते हैं। 

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2.आज मंगलवार को जयपुर के फेयरमोंट होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 102 विधायकों ने मांग की कि सचिन पायलट को पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए। जिसके बाद कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने घोषणा की सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह और श्री रमेश मीणा को मंत्री पद से हटाया जाता है।
 

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3.  फेयरमेंट होटल में हुई मीटिंग में दिल्‍ली से आए कांग्रेस के सीनियर नेता केके वेणुगोपाल, राजस्‍थान कांग्रेस पार्टी के प्रभारी अविनाश पांडे और रणदीप सुरजेवाला शामिल हुए थे।

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4 . मीटिंग से कांग्रेस पार्टी की सीनियर नेताओं ने सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों-मंत्रियों से विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए कहा था। लेकिन उन्होंने इसमें आने से साफ तौर पर इंकार कर दिया था।  

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5. बैठक की शुरूआत में कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी पर प्रदेश की 8 करोड़ की जनता के साथ धोखा देने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने कहा-भाजपा पर धनबल और ईडी और आईटी का दुरुपयोग करके विधायकों को खरीदना चाहती है।
 

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6. इसके साथ ही सचिन पायलट को कांग्रेस की सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।
 

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7. सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट अब गहलोत के साथ काम नहीं करना चाहते। वह अपनी यह मंशा दिल्ली में मौजूद कांग्रेस के सीनियर नेताओं के साथ जाहिर कर चुके हैं।

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8. सबसे बड़ा सवाल सचिन पायलट अब क्या करेंगे। कुछ लोगों का कहना है कि वह नई पार्टी बनाने पर विचार कर रहे हैं। वहीं उनके कुछ करीबीयों का कहना है कि पायलट भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
 

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9. बताया जाता है कि सचिन पायटल को मनाने के लिए सोमवार रात राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा पी. चिदंबरम और केसी वेणुगोपाल ने गहलोत के साथ काम करने के लिए समझाया था। लेकिन वह किसी बात पर राजी नहीं हुए।
 

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आखिर क्यों गहलोत से नाराज हो गए पायलट? सूत्रों के मुतबिक, पायलट कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद चाहते थे, जो गहलतो देने के लिए तैयार नहीं थे, इसके अलावा पायलट गृह और वित्त विभाग अपने पास रखना चाहते थे, इस पर भी सीएम राजी नहीं थे। जिसके चलते गहलोत और पायलट में तनातनी हो गई।
 

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