पुजारी की लाश के पास बैठ धरना दे रहीं महिलाएं, सांसद से विधायक तक दे रहे साथ..देखिए तस्वीरें...

करौली. राजस्थान के करौली जिले में जिंदा जलाए पुजारी का मामला गरमाता जा रहा है। इस घटना पर प्रदेश में राजनीति गर्माई हुई है। परिवार के लोगों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी, सुरक्षा एवं आरोपियों की गिरफ्तार करने की मांग रखी हुई है। एक तरफ जहां पुजारी का शव घर के एक कोने में रखा हुआ है वहीं घर की महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं। वह न्याय नहीं मिलने तक दाह संस्कार नहीं करने पर अड़े  हुए हैं। वहीं विपक्षी पार्टी बीजेपी भी इस मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने के तैयारी में है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने मोर्चा खोल दिया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 10, 2020 8:08 AM IST
16
पुजारी की लाश के पास बैठ धरना दे रहीं महिलाएं, सांसद से विधायक तक दे रहे साथ..देखिए तस्वीरें...


7 अक्टूबर को सपोटरा थाना इलाके के बूकना गांव में मंदिर भूमि विवाद में पुजारी बाबूलाल वैष्णव की हत्या कर दी थी। आरोप है कि उनकी जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा करने की नीयत से पहले विवाद किया और बाद में उन्हें पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया। गुरुवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

26


अब इस मामले में गांव वाले 50 लाख रुपए का मुआवजा और किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े हैं। इस बीच स्थानीय सांसद किरोड़ीमल मीणा और पूर्व विधायक मानसिंह गांव पहुंचे। यहां उन्होंने सभी जातियों के पंच-सरपंचों से बैठक की। उन्होंने पुजारी को न्याय दिलाने तक आंदोलन की चेतावनी दी। मामला तूल पकड़ने पर पुलिस ने एक आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। बाकी फरार हैं।

36

मौत से पहले दिए बयान में बाबूलाल ने बताया था कि कैलाश मीणा अपने लोगों शंकर, नमो, किशन और रामलखन के साथ मंदिर के बाड़े पर कब्जा करके छप्पर लगा रहा था। इसका विरोध करने पर उसने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पुजारी बाबूलाल ने बताया था कि उसका परिवार मंदिर की 15 बीघा जमीन पर खेतीबाड़ी करके अपना गुजारा करता था।

46

बाबूलाल वैष्णव बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी थे। इस मंदिर के लिए गांववालों ने खेती दान की थी। यह राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। पिछले एक महीने से आरोपी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। इसकी शिकायत पंचायत में की गई थी। घटना के कुछ दिन पहले ही गांव में बैठक हुई थी और आरोपियों के समझाइश दी गई थी। लेकिन प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता से आरोपियों के हौसले बुलंद हो गए।

56

यह वही जगह है, जहां दो दिन पहले पुजारी बाबूलाल वैष्णव को जिंदा जलाकर मार डाला।

66

 पीड़ित परिवार के साथ धरना देने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रदेश के सभी राजनीतिक दल मौके पर पहुंच रहे हैं और  राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos