Published : Oct 10, 2020, 09:53 AM ISTUpdated : Oct 10, 2020, 11:40 AM IST
करौली, राजस्थान. यह तस्वीर राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था की असलियत दिखाती है। मंदिर पर कब्जा करने से रोकने पर कुछ लोगों ने इस पुजारी को बुधवार को पेट्रोल डालकर जला दिया था। इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई थी। पहले प्रशासन इसे सुसाइड की कोशिश का मामला बताती रही। लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा, तो पुलिस सक्रिय हुई और एक आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाकी आरोपी अभी गिरफ्त से दूर हैं। मामला जिले के सपोटरा इलाके का है। मरने से पहले पुजारी बाबूलाल वैष्णव ने घटना के बारे में बताया था। उसका जयपुर के SMS अस्पताल में इलाज चल रहा था। मामले ने जब राजनीति तूल पकड़ा, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया। इस बीच शनिवार सुबह स्थानीय सांसद किरोड़ीमल मीणा और पूर्व विधायक मानसिंह गांव पहुंचे। उन्होंने पुजारी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सभी जातियों के पंच-सरपंचों से बात की। परिजन 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग को लेकर शव के साथ धरने पर बैठ गए। वे परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने पर भी अड़े रहे।
मौत से पहले पुजारी ने बयान दिया था कि कैलाश मीणा अपने लोगों शंकर, नमो, किशन और रामलखन के साथ मंदिर के बाड़े पर कब्जा करके छप्पर लगा रहा था। इसका विरोध करने पर उसने पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
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पुजारी बाबूलाल ने बताया था कि उसका परिवार मंदिर की 15 बीघा जमीन पर खेतीबाड़ी करके अपना गुजारा करता था।
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बाबूलाल वैष्णव बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी थे। इस मंदिर के लिए गांववालों ने खेती दान की थी। यह राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने राहुल गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को राजस्थान सरकार से इस्तीफा मांगना चाहिए।
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पिछले एक महीने से आरेापी उस पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। इसकी शिकायत पंचायत में की गई थी।
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घटना के कुछ दिन पहले ही गांव में बैठक हुई थी और आरोपियों के समझाइश दी गई थी।
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मृतक के परिजन ललित ने इस मामले में पटवारी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इनकी लापरवाही से यह घटना हुई।
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इस मामले ने राजस्थान में सियासत गर्मा दी है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।
(स्थानीय सांसद किरोड़ीमल मीणा और पूर्व विधायक मानसिंह गांववालों से बातचीत करते हुए)
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मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने के बाद पुलिस सक्रिय हुई और एक आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। बाकी फरार हैं।