कैलीग्राफी शादी के कार्ड, हाथ की बनी प्रेजेंटेशन, मेमोरियल डाक्यूमेंट, सर्टिफिकेट, निमंत्रण-पत्र, बिजनेस कार्ड पोस्टर, ग्रीटिंग कार्ड, बुक कवर, लोगो, लीगल डॉक्यूमेंट बनाने, सिरेमिक और मार्बल पर शब्दों को उकेरने सहित अन्य काम आती है। गौरी उस उम्र में कैलीग्राफी सीखना शुरू कर दिया था, जिस उम्र में बच्चे पेंसिल से ढंग से नहीं लिख पाते हैं। यानि गौरी की उम्र तब महज 6 साल थी,जब उसने इसे सीखना शुरू किया था।