हिरनी की मौत के बाद बच्चे को महिला ने मां बन पाला, दूध पिलाया..बिछड़ा तो रोने लगी बेटे को मत ले जाओ


जैसलमेर (राजस्थान). अक्सर आए दिन मानवता को शर्मसार कर देने वाला खबरें सामने आती हैं। जिनको पढ़कर ऐसा लगता है कि अब इंसानियत पूरी तरह से खत्म हो गई। लेकिन राजस्थान की एक मुश्लिम महिला ने प्रेम और ममता की ऐसी अनूठी मिसाल पेश की है, जिस देख आप भी भावुक हो जाएंगे। जो हिरण के बच्चे को अपने बेटे से ज्यादा प्यार करती है। इस कहानी को पढ़ आ जाएंगे आंसू...

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2020 12:36 PM IST
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हिरनी की मौत के बाद बच्चे को महिला ने मां बन पाला, दूध पिलाया..बिछड़ा तो रोने लगी बेटे को मत ले जाओ


दरअसल, यह दिल खुश कर देने वाला यह अनोखा दृश्य जैसलमेर जिले के लाठी क्षेत्र के केरालिया गांव का है। यहां के रहने वाले नूरे खान की बीवी माया खान ने एक हिरण के 7 महीने के बच्चे को अपने बच्चों की तरह पाल रही है। वह सुबह-शाम बच्चों दूध पिलाने वाली बोतल से उसे दूध पिलाती है। उसे एक पल के लिए भी अपने से दूर नहीं करती। गांव के लोग उसकी ममता देख कहते हैं कि इतना ख्याल तो एक मां अपने बच्चे का नहीं रखती जितना माया इस हिरण के बच्चे का रखती है।

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बता दें कि कुछ महीने पहले गांव के आवारा कुत्तों ने मादा हिरण पर हमला कर उसे मार डाला था। उसके बच्चे की परवरिश करने के लिए महिला ने अपने पास रख लिया। पति से कहने लगी अगर इसको छोड़ दिया तो वह कुत्ते इसको भी मार डालेंगे। इसलिए इसे घर रख लेते हैं। घर लाने के बाद उसका नाम 'डॉन' रख दिया। गांव के सभी बच्चे उसके पास आकर खेलते हैं और उसका ख्याल रखते हैं।
 

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7 महीनों तक हिरण के बच्चे का लालन-पालन करने के बाद जब उसे वन विभाग को सौंपा तो नूरे खान और उसकी पत्नी माया की आंखों में आंसू बह रहे थे। पूरा गांव भावुक था, ऐसा लग रहा था जैसे उनके परिवार का कोई सदस्य उनसे कहीं दूर जा रहा है। गांव के छोटे-छोटे बच्चे भी साथ चल रहे थे मानों उनका बचपन का दोस्त उनसे बिछड़ रहा हो।

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माया ने अपने आंसू पोंछते हुए मीडिया कहा-वह हिरण का बच्चा जरुर था, लेकिन वो एक परिवार का सदस्य बन गया था।  उसके जाने के बाद घर सूना हो जाएगा। उसके रहने से घर में चहल-पहल थी, मैं उसे छोड़कर भी कहीं नहीं गई, लेकिन आज वह पूरे परिवार को छोड़कर जा रहा है। उसे अपने बच्चे की तरह बोतल से दूध पिला-पिलाकर जिंदा रखा, अब वह तंदुरुस्त होकर चहल-कदमी करने लगा है।

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वहीं  नूरे खान का कहना है कि 'डॉन' को कभी हमने हिरण का बच्चा नहीं माना। वो परिवार में पूरी तरह से घुल-मिल गया था। अगर हम कहीं जाते तो यही डर रहता था कि कोई उसे हानि नहीं पहुंचा दे। हमने वनविभाग कर्मियों को भी बता दिया है कि वो बहुत नाजुक है, उसे कुत्तों से दूर रखा जाए। नहीं तो वह उसे भी उसकी मां की तरह मार डालेंगे।

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 इंसान और जानवरों के बीच प्रेम तो कई बार देखा सुना जाता है। लेकिन वन्य प्राणियों में हिरण एक ऐसा जानवर है जो इंसानों के पास आना तो दूर, आहट सुनते ही भाग जाता है। लेकिन जन्म के करीब एक 5 दिन बाद से ही हिरण के बच्चे से उसकी मां बिछड़ गई। तभी से लेकर करीब 7 माह तक इस मुस्लिम महिला माया ने मां बनकर उसे पाला है। जब वह उससे दूर हो रहा है तो वह रो रही है। कहती है कि मुझसे मेरा बेटा मत छीनों।

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