राजस्थानी शख्स ने 88 साल पुराने पेड़ पर बनाया 4 मंजिला हाईटेक घर, अंदर की तस्वीरें देख कहेंगे गजब कमाल

उदयपुर (राजस्थान).  पूरी दुनिया में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस यानि World Environment Day मनाया जाता है। जिसका उद्देशय होता है कि लोग जागरुक बने और पेड़ पौधे लगाने के साथ पर्यावरण की रक्षा करें। लेकिन बढ़ते आधुनिक भारत में आम आदमी से लेकर सरकारें तक पेड़ को काटने में लगी हुई हैं। कुछ पर्यावरण प्रेमी ऐसे भी होते हैं जो खुद लाखों-करोड़ों का घाटा खा लेने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचने देते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने राजस्थान में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान रखते हुए ऐसा अनोखा घर बनाया हुआ जो देश ही नहीं विदेश में भी एक मिसाल बन चुका है। देखिए अनोखे आशियाने की गजब तस्वीरें...

Arvind Raghuwanshi | Published : Jun 5, 2021 2:35 PM IST / Updated: Jun 05 2021, 08:20 PM IST

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राजस्थानी शख्स ने 88 साल पुराने पेड़ पर बनाया 4 मंजिला हाईटेक घर, अंदर की तस्वीरें देख कहेंगे गजब कमाल

दरअसल, लेकसिटी उदयपुर में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए इंजीनियर केपी सिंह ने कुछ अलग ही अंदाज में घर को बनाया हुआ है। उन्होंने प्रकृति कोई नुकसान नां पहुंचे इसके लिए  88 साल पुराने आम के पेड़ पर  चार मंजिला मकान बना डाला। उनका यह आशियाना देश-विदेश में अपनी अनोखी खूबसूरती के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसके अंदर वह सारी सुविधाएं हैं जो एक किसी बंगले में होती हैं।
 

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इंजीनियर केपी सिंह ने आज से 20 साल पहले 2000 में यह अनोखा आशियाना बनाया है। जो कि जमीन से 9 फीट ऊपर है। जिसकी ऊंचाई 40 फीट तक है। करीब तीन हजार स्क्वेयर फीट के कारपेट एरिया में बने इस घर में दो बेडरूम, डायनिंग स्पेस के साथ एक हॉल, एक लाइब्रेरी, किचन, दो कम्बाइंड टॉयलेट्स और हवादार बालकनी है। 

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सबसे खास बात यह है कि इसके निर्माण में कोई सीमेंट और कंकरीट का उपयोग नहीं किया गया है। सिर्फ इस मकान को बनाने के लिए स्टील स्ट्रक्चर, सैल्यूलर और फाईबर शीट का इस्तेमाल किया गया है। इसे ट्री हाउस नाम दिया गया है। 

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इस ट्री हाउस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके अंदर बनी सीढ़ियां रिमोट से चलती हैं। जिसकी हर मंजिल पर बड़ी आसानी से पहुंचा जा सकता है।इतना ही नहीं पेड़ के हिसाब से पूरे घर को डिजाइन किया गया है। जिसके की एक भी टहनियों को नहीं काटना पड़ा। पेड की टहनियां किचन, बाथरूम, बैडरूम, डाइनिंग हॉल में निकली हुई हैं। जो की बेहद खूबसूरत लगती हैं। 

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यह अनोखा आशियाना पूरा हवा में झूलता है। लेकिन कितने भी तूफान आ जाएं इसका कुछ नहीं होता है। इसे भूकंप के हिसाब से बनाया गया है। पेड़ को बढ़ने के लिए जगह जगह बड़े हॉल छोड़े गए हैं ताकि पेड़ की शाखाओं को भी सूर्य की रोशनी मिल सके और वे अपने प्रा​कृतिक रूप से बढ़ सकें। साथ ही इसकी टहनियों पर फल भी घर में ही उगते हैं।

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इंजीनियर केपी सिंह ने अपने इस घर में पेड़ की टहनियों को काटने की बजाय उनका उसी रूप में उपयोग भी किया है। किसी टहनी को सोफा बना दिया गया है। तो किसी टहनी पर टीवी टांग दिया है। वहीं किसी पर टहनी पर किचन का सामान रखा गया है। 
 

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केपी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने साल 1999 में उदयपुर में घर बनाने के लिए जमीन तलाशना शुरू की थी। लेकिन एक बिल्डर ने उन्हें जो जमीन दिखाई वह हरे भरे पेड़ों के बीच थी। कॉलोनाइजर का इन पेड़ों को आप काटकर यहां घर बना लीजिए। लेकिन केपी सिंह ने कहा कि मैं पेड़ काटकर घर नहीं बनाऊंगा। बल्कि पेड़ भी रहेंगे और घर भी बनेगा और जगह भी नही जाएगी। इसके बाद उन्होंने इसका निर्माण शुरू कर दिया। कुछ दिनों तक यह दो मंजिला ही था। फिर दो साल बाद इसे चार मंजिल का बना दिया।
 

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इस ट्री हाउस को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। वहीं  इंजीनियर केपी सिंह अब इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने वाले हैं।

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