9 गोलियां खाकर भी मौत को मात देने वाले चेतन चीता लड़ रहे कोरोना की जंग, पूरा शहर कर रहा दुआ


कोटा (राजस्थान). तीन महीने होने के बाद भी भारत में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। इसी बीच खबर सामने आई है कि साल 2017 में आतंकियों की 9 गोली लगने के बाद भी मौत को मात देने वाले सीआरपीएफ के जाबांज कमांडेंट चेतन चीता को भी कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। बताया जा रहा है कि उनकी हालत फिलहाल गंभीक बनी हुई है। डॉक्टरों ने उनको वेंटिलेटर पर रखा है, जहां 24 घंटे निगरानी की जा रही है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 3, 2021 9:47 AM IST / Updated: Jun 03 2021, 03:19 PM IST

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9 गोलियां खाकर भी मौत को मात देने वाले चेतन चीता लड़ रहे कोरोना की जंग, पूरा शहर कर रहा दुआ

दरअसल, कीर्ति चक्र हासिल करने वाले कोटा निवासी चेतन जीता पिछले महीने 9 मई को कोविड पॉजिटिव पाए गए थे। जहां उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था। जिसके बाद उन्हें हरियाणा के झज्जर में एम्स अस्पताल में एडमिट कराया गया। करीब 20 दिनों से उनका इलाज चल रहा है।

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हरियाणा एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि चेतन जीता को संक्रमित होने के बाद ऑक्सिजन सपोर्ट पर आईसीयू में रखा गया था। जहां टी वायरल थेरपी से उनका इलाज किया गया। धीरे-धीरे उनकी सेहत में सुधार हो रहा था, लेकिन रविवार फिर उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई। वह फिलहाल  वेंटिलेटर पर हैं, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

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चेतन चीता की तबीयत बिगड़ने के बाद उनके परिजनों और कोटा शहर के लोगों की चिंता बढ़ गई है। उनकी मां सुभद्रा चीता अपने बेटे के जल्द ठीक होने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही हैं। इतना ही नहीं वह अपने घर पर महामृत्युंजय जाप करा रही हैं। वहीं उनके पिता चिंता में डूबे हुए हैं, लेकिन उनका कहना है कि उनका बेटा जबांज है जल्द ही कोरोना की जंग जीतकर घर आने वाला है।

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बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी चेतन चीता की हालत को लेकर चिंतित हैं। वह लगातार एम्स के निदेशक और डॉक्टर्स से संपर्क बनाए हुए हैं और इलाज को लेकर उनसे बातचीत कर रहे हैं। वहीं बिरला ने कहा कि चेतन जंबाज फाइटर और देशभक्त हैं, वह पिछली बार की तरह जल्द ही कोरोना को हराकर लौटेंगे।

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बता दें कि चीता 2017 फरवरी के महीने में कश्मीर में सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के कमांडिंग अफसर के रूप में तैनात थे। इसी दौरान हुए एक आतंकी हमले में उनके सिर, दाईं आंख, पेट, दोनों बांहें, बाएं हाथ और कमर के निचले हिस्से में करीब 9 गोलियां लगी थीं। दिल्ली के एम्स में कई सर्जरी कर उनकी जान बचाई गई थी। जिसके एक साल बाद वह फिर से 2018 में वापस ड्यूटी पर लौटे थे। उन्हें देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था।

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 चेतन चीता के छोटे भाई प्रवीण चीता ने बताया कि दो दिन पहले भाई ने अस्पताल से वीडियो कॉल के जरिए परिवार से बातचीच की थी। लेकिन दो दिन से उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ तो उसने बात नहीं हो पाई है। परिवार तो क्या पूरा कोटा शहर उनकी सलामती के लिए दुया  कर रहा है। मेरी भाभी और बच्चों का बुरा हाल है।

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एक ट्रिप के दौरान अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सीआरपीएफ कमांडिंग ऑफिसर चेतना चीता।

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